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Indian Economy: भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए अगले 20 साल तक 8-9 फीसदी सालाना की दर से बढ़ने की जरूरत है. (file image)
Indian Growth Outlook: भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए अगले 20 साल तक 8-9 फीसदी सालाना की दर से बढ़ने की जरूरत है. डेलॉयट दक्षिण एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी ने यह बात कही है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में काम करने का लक्ष्य रखा है. शेट्टी ने कहा कि भारत को 'चीन प्लस वन' रणनीति से फायदा मिल सकता है, क्योंकि कोई दूसरा देश इस तरह के परिचालन के पैमाने और आकार की पेशकश नहीं कर सकता, जैसा यहां उपलब्ध है.
2040 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश!
उन्होंने कहा कि भारत के स्पेस सेक्टर में पहले से ही 200 स्टार्टअप हैं और इसमें 2040 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश आ सकता है. शेट्टी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हमें एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए कम से कम 2047 तक 8-9 फीसदी की दर से बढ़ने की जरूरत है. मध्यम आय स्तर से आगे बढ़ना होगा. इस गति से ग्रोथ आसान नहीं है. दुनिया में बहुत कम देश ऐसे हैं, जो सालाना 8-9 फीसदी की गति से बढ़ने में सक्षम हैं.
मोदी ने हाल ही में न्यूज एजेंसी स कहा था कि भारत निकट भविष्य में टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा. उन्होंने कहा था कि मुझे यकीन है कि 2047 तक हमारा देश विकसित देशों में होगा. हमारी अर्थव्यवस्था और भी अधिक समावेशी होगी. भारत इस समय अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
2047 तक विकसित देश बन सकता है भारत: डेलॉयट
भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए अगले 20 साल तक 8-9 प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है. डेलॉयट दक्षिण एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी ने यह बात कही. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है. शेट्टी ने कहा कि भारत को 'चीन प्लस वन' रणनीति से फायदा मिल सकता है, क्योंकि कोई दूसरा देश इस तरह के परिचालन के पैमाने और आकार की पेशकश नहीं कर सकता, जैसा यहां उपलब्ध है.
इन सेक्टर में भारत के पास अवसर
शेट्टी ने यह भी कहा कि भारत कृषि, स्पेस सेक्टर, सेमीकंडक्टर और ईवी जैसे अन्य उभरते क्षेत्रों में अवसरों की तलाश कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि देश प्रति वर्ष 16,000-18,000 किलोमीटर की तेज गति से सड़कें बना रहा है, जिससे विकास और व्यापार को बढ़ावा मिलता है.
'चीन प्लस वन' पर ध्यान
शेट्टी ने कहा कि मल्टीनेशनल कंपनियां 'चीन प्लस वन' पर ध्यान दे रही हैं. इस बारे में कोई संदेह नहीं है. जबकि ऐसे अन्य देश भी हैं जो लाभान्वित होंगे जब कंपनियां अपने विनिर्माण को चीन के अलावा कहीं और स्थानांतरित करने का निर्णय लेती हैं, किसी अन्य देश के पास भारत जैसा पैमाना और आकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती कच्चे तेल का आयात है. इसी तरह, भले ही प्रौद्योगिकी ने देश को बदल दिया है, यह विभाजनकारी हो सकता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में पूर्वाग्रह हैं. ये ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में हमें चिंतित होना चाहिए.