/financial-express-hindi/media/media_files/bwNE1Vl6i0dMXlbrKleT.jpg)
देश में फार्मा इंडस्ट्री की ग्रोथ को बढ़ावा मिले उसके लिए जानकारों ने सरकार के सामने डिमांड रखी है. (Image: Freepik)
Budget 2024 Expectation: घरेलू फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री चाहता है कि सरकार आगामी बजट में फार्मा सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलेपमेंट (R&D) को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करने और एक प्रभावी बौद्धिक संपदा अधिकार यानी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) सिस्टम बनाने के लिए कदम उठाए. इससे देश में फार्मा इंडस्ट्री की ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा.ऑर्गेनाइजेशन ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) के डायरेक्टर जनरल अनिल मताई बजट को लेकर फार्मा इंडस्ट्री की डिमांड रखते हुए कहा कि सरकार रिसर्च एंड डेवलेपमेंट को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए. इसके लिए मल्टी नेशनल कंपनियों को रिसर्च एंड डेवलेपमेंट से संबंद्ध प्रोत्साहन दिए जाएं और सेक्टर को कॉरपोरेट टैक्स में रियायतें दी जाएं.
ओपीपीआई के डीजी ने कहा कि हायर रिस्क की वजह से हमारा सुझाव है कि आयकर कानून, 1961 की धारा 115बीएबी (Section 115BAB) का दायरा ऐसी कंपनियों तक बढ़ाया जाए, जो सिर्फ फार्मा रिसर्च एंड डेवलेपमेंट में लगी हैं. ऐसी कंपनियों को रिसर्च एंड डेवलेपमेंट खर्च पर 200 फीसदी की कटौती दी जाए. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट तैयार करने की प्रक्रिया के तहत उद्योग जगत और सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न संबंधित लोगों के साथ विचार-विमर्श पूरा कर लिया है.
23 जुलाई को नई सरकार पहला पूर्ण बजट होगा पेश
वित्त मंत्री 23 जुलाई को अपना 7वां बजट पेश करेंगी. यह नरेन्द्र मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा. यह बजट 2047 तक ‘विकसित भारत’ का रास्ता तैयार करेगा. पिछले महीने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा था कि आगामी बजट सत्र में कई ऐतिहासिक कदम और बड़े आर्थिक फैसले लिए जाएंगे. 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक को अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा था कि यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा. उन्होंने कहा था कि इस बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे.
19 जून से 5 जुलाई तक चला बजट पूर्व परामर्श
वित्त मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि आम बजट 2024-25 के लिए बजट पूर्व परामर्श 19 जून से शुरू हुआ और 5 जुलाई, 2024 को समाप्त हुआ. विचार-विमर्श के दौरान 10 हितधारक समूहों के 120 से अधिक लोगों ने भाग लिया. इनमें किसान संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों के अलावा व्यापारिक संगठनों, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र, रोजगार और कौशल, सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई), व्यापार और सेवाएं, उद्योग, वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार और बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और शहरी क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल थे. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इन बैठकों में वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और व्यय सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) सचिव तुहिन के पांडेय, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा सहित अन्य ने भाग लिया.