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FY23 GDP estimate: मौजूदा वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 7% बढ़ने की उम्मीद, NSO ने जारी किए एडवांस एस्टीमेट, बजट में इस्तेमाल होंगे यही आंकड़े

National Statistical Office (NSO) ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान रियल GDP 7% बढ़ने की उम्मीद जाहिर की है, दिसंबर में RBI ने 6.8% ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया था.

National Statistical Office (NSO) ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान रियल GDP 7% बढ़ने की उम्मीद जाहिर की है, दिसंबर में RBI ने 6.8% ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया था.

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Viplav Rahi
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FY23 real GDP growth estimate: मौजूदा वित्त वर्ष के लिए GDP विकास दर के ताजा अनुमान NSO ने जारी कर दिए हैं.

FY23 real GDP growth estimated at 7% by NSO: मौजूदा वित्त वर्ष के लिए GDP विकास दर के ताजा अनुमान भारत सरकार के नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) ने जारी कर दिए हैं. NSO के पहले एडवांस एस्टीमेट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ रेट (real GDP growth rate) 7 फीसदी रहने की उम्मीद है, जबकि इसी दौरान नॉमिनल जीडीपी (nominal GDP) 15.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने के आसार हैं. नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े इसलिए अधिक होते हैं, क्योंकि इनमें जीडीपी का कैलकुलेशन बढ़ी हुई कीमतों के आधार पर किया जाता है. यानी महंगाई बढ़ने पर नॉमिनल जीडीपी भी बढ़ जाती है. लेकिन असल में इकॉनमी की सही तस्वीर रियल जीडीपी के आंकड़ों से ही पता चलती है.

बजट 2023 में होगा इन्हीं अनुमानों का इस्तेमाल

शुक्रवार को जारी NSO के पहले एडवांस जीडीपी ग्रोथ एस्टीमेट की अहमियत ये है कि अब से करीब तीन हफ्ते बाद यानी 1 फरवरी को संसद में अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए देश का बजट पेश किया जाना है. एडवांस एस्टीमेट के यही आंकड़े नया बजट तैयार करने में भी इस्तेमाल किए जाते हैं. ताजा आंकड़ों में NSO ने जीडीपी विकास दर का जो अनुमान पेश किया है, वह पिछले महीने यानी दिसंबर 2022 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से जारी अनुमानों से थोड़ा बेहतर है.

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पिछले महीने RBI ने देश की जीडीपी विकास दर 2022-23 में 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था. उस वक्त आरबीआई ने यह भी बताया था कि मुश्किल अंतरराष्ट्रीय आर्थिक हालात और जियो-पोलिटिकल मुद्दे भारत की विकास दर के लिए चुनौती बने हुए हैं. आरबीआई ने भारत की जीडीपी विकास दर 2022-23 की तीसरी तिमाही में 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान भी जाहिर किया था. दरअसल पूरे वित्त वर्ष के दौरान रिजर्व बैंक ने देश के जीडीपी विकास दर के अनुमानों में तीसरी बार कटौती की है. अप्रैल 2022 में आरबीआई ने देश के जीडीपी विकास दर के अनुमान को पहले 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी किया और फिर सितंबर में इसे और घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया. यानी दिसंबर 2022 का 6.8 फीसदी विकास दर का अनुमान साल के शुरुआती अनुमान के मुकाबले पूरे एक फीसदी कम था.

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जीडीपी विकास दर के अनुमानों में लगातार गिरावट

दरअसल मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी विकास दर अनुमानों में लगातार गिरावट आई है. पहली तिमाही में यह 13.5 फीसदी के ऊंचे स्तर पर थी, जिसमें बेस इफेक्ट का काफी योगदान था. इसके बाद दूसरी तिमाही में यह गिरकर 6.3 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही के अनुमानों में महज 4.2 फीसदी रह गई. RBI की तरह ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) भी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत का विकास दर अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी कर चुका है, जबकि जुलाई में उसने भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद जाहिर की थी. हालांकि पिछले महीने विश्व बैंक ने भारत के जीडीपी विकास दर अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी किया है. एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने भारत के विकास दर अनुमान को 7 फीसदी पर ही बनाए रखा है. वैसे देखा जाए तो इन सभी अनुमानों में ज्यादा अंतर नहीं है. और सबसे बड़ी बात ये है कि दुनिया की बाकी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत की विकास दर काफी बेहतर है.

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