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Domestic Crude : डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर 6 हजार की जगह 7 हजार रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लगेगा. (Reuters)
Windfall Tax : केंद्र सरकार ने घरेलू उत्पादन वाले कच्चे तेल (क्रूड) पर विंडफाल टैक्स में जुलाई महीने में लगातार दूसरी बार इजाफा किया है. क्रूड पर विंडफाल टैक्स 6000 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 7000 रुपये प्रति टन कर दिया है. यह कर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है. हालांकि अन्य पेट्रोलियम उत्पादों जैसे डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन (एटीएफ) के मामले में एसएईडी दरों को शून्य पर स्थिर रखा गया है.
नई दरें 16 जुलाई से लागू
सरकार ने सोमवार देर शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर क्रूड पर विंडफाल टैक्स की बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी. नोटिफिकेशन के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादन किए जा रहे क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को फिर से बढ़ा दिया गया है. इस बदलाव के बाद अब डोमेस्टिक क्रूड ऑयल पर 7000 रुपये प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लगेगा. नई दरें आज यानी 16 जुलाई 2024 से प्रभावी हो गई हैं. टैक्स की दरों की समीक्षा पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर 15 दिन पर की जाती है.
जुलाई में दूसरी बार बढ़ोतरी
इससे पहले सरकार ने जुलाई महीने की शुरुआत में भी कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाया था. उस समय कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 6 हजार रुपये प्रति टन कर दिया गया था. इस तरह देखें तो सिर्फ जुलाई महीने में कच्चे पर तेल पर विंडफॉल टैक्स में दो बार बढ़ोतरी की जा चुकी है. एक महीने पहले यानी 15 जून को हुई समीक्षा में विंडफॉल टैक्स लगातार चौथी बार कम किया गया था और उसकी दरें कम होकर 3,250 रुपये प्रति टन रह गई थीं. भारत ने पहली बार विंडफाल टैक्स 1 जुलाई, 2022 को लगाया था. यह तेल कंपनियों के होने वाले अप्रत्याशित लाभ को देखते हुए लगाया गया था. इसके बाद भारत उन देशों में शामिल हो गया था, जो एनर्जी कंपनियों के अत्यधिक मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं.
डीजल,पेट्रोल, एटीएफ पर नहीं बदली ड्यूटी
वहीं दूसरी ओर सरकार ने डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन यानी एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया है. इस टैक्स को एक बार फिर से शून्य पर स्थिर बनाए रखने का फैसला लिया है. इसका मतलब हुआ कि घरेलू रिफाइनरों को डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर मिल रही छूट आगे भी बरकरार रहने वाली है. इससे उन घरेलू कंपनियों को फायदा होता रहेगा, जो रिफाइनरी चलाती हैं और अधिक मुनाफे के लिए डीजल-पेट्रोल व एटीएफ जैसे रिफाइंड प्रोडक्ट को देश के बाहर के बाजारों में बेचती हैं.