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केंद्र सरकार ने एक बार फिर विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) में बदलाव किया है. (reuters)
Windfall Tax Revised: केंद्र सरकार ने एक बार फिर विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) रिवाइज किया है. मंगलवार को सरकार की तरफ से जारी किए गए नोटिफिकेशन में क्रूड, डीजल और जेट फ्यूल (ATF) पर लगने वाले विंडफाॅल टैक्स के नए रेट बताए गए हैं. रिफाइनरी कंपनियों को इस नए नोटिफिकेशन से राहत भी है और झटका भी लगा है. इस फैसले का असर रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी (ONGC) जैसी कंपनियों पर पड़ेगा.
डीजल और जेट फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी घटी
केंद्र सरकार द्वारा रिवाइज किए गए रेट के अनुसार पेट्रोलियम क्रूड टैक्स 17,000 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 17,750 रुपए टन कर दिया गया है. इसका असर ONGC जैसी कंपनियों पर होगा. वहीं जेट फ्यूल पर टैक्स घटा दिया गया है. पहले जहां जेट फ्यूल पर 4 रुपए प्रति लीटर का टैक्स लग रहा था वह अब घटाकर जीरो कर दिया गया है. डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 11 रुपए प्रति लीटर से घटकर 5 रुपए कर दिया गया है. इसके अलावा पेट्रोल के एक्सपोर्ट पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. बता दें, नया आदेश आज यानी बुधवार से लागू हो जाएगा.
1 जुलाई को लगाया गया था टैक्स
ऊर्जा कंपनियों के तेजी से बढ़ते मुनाफे को टैप करने के लिए विंडफाॅल टैक्स 1 जुलाई कािे लगाया गया था. तब केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल और ATF के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी थी. पेट्रोल पर 5 रुपए प्रति लीटर तो वहीं डीजल पर 12 रुपये प्रति लीटर तक एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई. ATF के एक्सपोर्ट पर 6 रुपए प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई. एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के पीछे सरकार का मकसद घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल और ATF जैसे फ्यूल की उपलब्धता बढ़ाना था. लेकिन उसके बाद से फ्यूल की कीमतों में ग्लोबल स्तर पर गिरावट आई है, जिससे क्रूड उत्पादकों और रिफाइनरी कंपनियां दोनों को नुकसान हो रहा था. इसके चलते 19 जुलाई को भी सरकार ने विंडफाल टैक्स में बदलाव किया था.
क्या है विंडफॉल टैक्स
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह के हालात से फायदा होता है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में काफी तेजी आई थी. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था. मार्च तिमाही में कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी जो 14 साल में इसका उच्चतम स्तर था. क्रूड की कीमत में उछाल से ओएनजीसी जैसी कंपनियों का प्रॉफिट मार्च तिमाही में कई गुना बढ़ गया.