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इक्रा रेटिंग्स के मुताबिक मौजमस्ती, आस-पास की यात्राएं और माइस/शादी-विवाह के साथ-साथ कारोबारी यात्राओं व विदेशी यात्रियों की भारत यात्रा के पटरी पर लौटने से डिमांड को सपोर्ट मिला. (Image- Pixabay)
कोरोना महामारी का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है. हालांकि इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष 2022-23 में होटल इंडस्ट्री का रेवेन्यू और मार्जिन कोरोना से पहले के स्तर पर पहुंचने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह अनुमान लगाया है. इक्रा रेटिंग्स ने आज मंगलवार 12 जुलाई को कहा कि चालू वित्त वर्ष में मौज-मस्ती और छोटी यात्राएं होटल इंडस्ट्री की मांग बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी. हालांकि कारोबारी यात्राओं और विदेशी यात्रियों के भारत आने में धीरे-धीरे ही सुधार होगा.
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प्रीमियम होटल में 70% तक बुकिंग के आसार
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में देश भर के प्रीमियम होटल में बुकिंग 68-70 फीसदी रह सकती है. इसके साथ ही होटल के कमरों का औसत किराया करीब 5600-5800 रुपये रह सकता है. इक्रा की वाइस प्रेसिडेंट और सेक्टर हेड विनुता एस का कहना है कि होटल इंडस्ट्री के लिए इस वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छी रही है और पहली तिमाही में प्रीमियम श्रेणी के 56-58 फीसदी कमरे बुक रहे. पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में यह अनुपात 40-42 फीसदी था. वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में यह 60-62 फीसदी था.
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इन वजहों से डिमांड में रिकवरी
इक्रा रेटिंग्स के मुताबिक मौजमस्ती, आस-पास की यात्राएं और माइस/शादी-विवाह के साथ-साथ कारोबारी यात्राओं व विदेशी यात्रियों की भारत यात्रा के पटरी पर लौटने से डिमांड को सपोर्ट मिला. इसके अलावा कुछ शहरों में खास समारोहों के चलते भी होटल इंडस्ट्री को सपोर्ट मिला. माइस (MICE) का मतलब मीटिंग्स, इंसेटिव्स, कांफ्रेंसेंज और एग्जिबिशिंस से हैं. इक्रा रेटिंग्स के मुताबिक सैर-सपाटे और गेटवे शहरों में होटल इंडस्ट्री का कारोबार बेहतर रहा लेकिन बेंगलूरु और पुणे जैसे शहरों की होटल इंडस्ट्री जो बड़े तौर पर कारोबारी यात्राओं पर निर्भर है, उसे पटरी पर लौटने में कुछ और वक्त लगेगा.
(इनपुट: पीटीआई)