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ICRA की रिपोर्ट इकॉनमी की मिली-जुली तस्वीर पेश कर रहे हैं. जीडीपी की हालत संभलती लग रही है, लेकिन रुपये और चालू खाते के घाटे की तस्वीर चिंता बढ़ाने वाली है.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला आने वाले दिनों में और तेज़ होने के आसार हैं, जिसके चलते दिसंबर तक एक डॉलर का भाव 83 रुपये तक जा सकता है. यह अनुमान रेटिंग एजेंसी इक्रा ने (ICRA) बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में जाहिर किए हैं. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे गिरकर 81.90 पर बंद हुआ. इक्रा ने यह भी कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) शुक्रवार को नीतिगत ब्याज दरों (Repo Rate) में 50 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 3 दिन की बैठक बुधवार को शुरू हो चुकी है, जिसमें लिए गए फैसलों का एलान शुक्रवार को किए जाने के आसार हैं. इक्रा के अलावा कई अन्य एक्सपर्ट भी आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जाहिर कर रहे हैं.
इकॉनमी के बारे में मिली-जुली तस्वीर
देश की अर्थव्यवस्था के बारे में इक्रा के अनुमान मिली-जुली तस्वीर पेश कर रहे हैं. एजेंसी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में मौजूदा वित्त वर्ष (FY23) के दौरान जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा है. इक्रा के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान देश का फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) या सरकारी खजाने का घाटा 15.87 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है. ऐसा हुआ तो यह घाटा जीडीपी के 6.7 फीसदी के बराबर होगा. जबकि बजट के संशोधित अनुमानों में इसके 15.91 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी के 6.9 फीसदी के बराबर रहने की उम्मीद जाहिर की गई थी. ये आंकड़े सरकार के लिए कुछ राहत देने वाले हैं.
तीन गुना हो जाएगा चालू खाते का घाटा : ICRA
लेकिन इसके साथ ही इक्रा ने देश के करेंट एकाउंट डेफिसिट (CAD) यानी चालू खाते के घाटे में तीन गुना बढ़ोतरी का चिंता में डालने वाला अनुमान भी जाहिर किया है. इक्रा के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का करेंट एकाउंट डेफिसिट बढ़कर 120 अरब डॉलर के आसपास पहुंच जाएगा, जो देश के कुल जीडीपी के 3.5 फीसदी के बराबर होगा. इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश का CAD 38.7 अरब डॉलर यानी जीडीपी के महज 1.2 फीसदी के बराबर ही था.
दिसंबर तक 83 रुपये का हो सकता है एक डॉलर: ICRA
इक्रा ने सरकारी और प्राइवेट एक्सपेंडीचर यानी खर्चों में बढ़ोतरी के चलते मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी विकास दर 7.2 फीसदी रहने की उम्मीद जाहिर की है, जो कई और एजेंसियों के आकलन से बेहतर है. लेकिन रुपये के मामले में इक्रा का अनुमान काफी चिंताजनक है. एजेंसी के मुताबिक दिसंबर तक रुपये में गिरावट और बढ़ेगी, जिसके चलते एक डॉलर 83 रुपये का हो सकता है. इसके साथ ही इक्रा ने मौजूदा कारोबारी साल के बाकी बचे महीनों के दौरान सरकारी सिक्योरिटीज़ (G-sec) की यील्ड 7.3 से 7.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान भी जाहिर किया है.