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GDP of India: रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. (File Pic)
India GDP Prediction: रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. क्रिसिल ने कहा कि भारत 2031 तक अपर-मिडिल इनकम वाला देश बन जाएगा और अर्थव्यवस्था भी दोगुनी होकर 7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी.क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी 'इंडिया आउटलुक' रिपोर्ट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को डोमेस्टिक लेवल पर स्ट्रक्चरल रिफॉर्म और साइक्लिक स्थितियों से समर्थन मिलेगा और यह साल 2031 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अपनी ग्रोथ संभावनाओं को बरकरार रखने के साथ उसमें सुधार भी कर सकती है.
7 लाख करोड़ डॉलर की होगी इकोनॉमी
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में उम्मीद से बेहतर 7.6 फीसदी ग्रोथ रहने के बाद भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2024-25 में थोड़ा मॉडरेट होकर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार अगले 7 वित्त वर्ष (2024-25 से 2030-31) में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर 7 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच जाएगी.
अभी 5वीं बड़ी इकोनॉमी
क्रिसिल ने कहा कि इस अवधि में 6.7 फीसदी की अनुमानित औसत ग्रोथ भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना देगी और 2030-31 तक इसकी प्रति व्यक्ति आय भी अपर-मिडिल इनकम ग्रुप तक पहुंच जाएगी. भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत के आगे अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं.
वित्त वर्ष 2031: प्रति व्यक्ति आय 4500 अमेरिकी डॉलर
क्रिसिल को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 6.7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा. उस समय तक देश की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 4500 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी और भारत अपर-मिडिल इनकम वाले देशों के ग्रुप में शामिल हो जाएगा. विश्व बैंक की परिभाषा के मुताबिक, अपर-मिडिल इनकम वाले देश वे हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति आय 4000-12000 अमेरिकी डॉलर के बीच है. क्रिसिल के मैनेजिंग डायरेक्टा और CEO अमीश मेहता ने कहा कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और हायर-मिडिल इनकम वाला देश होगा, जो घरेलू कंजम्पशन के लिए एक बड़ा सकारात्मक पक्ष होगा.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत पोजिशन पर
उनका कहना है कि प्रमुख सेक्टर्स में हाई कैपेसिटी यूटिलाइजेशन, ग्लोबल सप्लाई-चेन डाइवर्सिफिकेशन के अवसर, इंफ्रास्टक्चर में निवेश पर जोर, हरित-संक्रमण अनिवार्यता और लेंडर्स की मजबूत बैलेंस शीट के कारण भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर एक मजबूत पोजिशन पर है.
मेहता ने कहा कि निरंतर सुधार, बढ़ी हुई वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और वैल्यू चेन में आगे बढ़ने से भारत की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2031 में अनुमानित 20 फीसदी से अधिक हो जाएगी.