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GDP Growth : भारत की जीडीपी Q3 में 6.4% की दर से बढ़ सकती है, ये फैक्‍टर्स इकोनॉमी को दे रहे सपोर्ट

ICRA Report : मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश के आर्थिक प्रदर्शन को कैपेक्‍स व रेवेन्‍यू एक्‍सपेंडिचर पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी, सर्विसेज एक्‍सपोर्ट में ग्रोथ, व्यापारिक निर्यात में सुधार, खरीफ फसलों के अच्छे उत्पादन जैसे फैक्‍टर से लाभ हुआ.

ICRA Report : मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश के आर्थिक प्रदर्शन को कैपेक्‍स व रेवेन्‍यू एक्‍सपेंडिचर पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी, सर्विसेज एक्‍सपोर्ट में ग्रोथ, व्यापारिक निर्यात में सुधार, खरीफ फसलों के अच्छे उत्पादन जैसे फैक्‍टर से लाभ हुआ.

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FE Hindi Desk
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Consumption : त्योहारी सीजन के दौरान कुछ कंजम्‍प्‍शन-फोकस्‍ड सेक्‍टर में तेजी देखी गई, जबकि अर्बन कंज्‍यूमर सेंटीमेंट में थोड़ी गिरावट आई. (Image : Financial Express)

Indian Economy Growth Rate Projection : रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने मंगलवार को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी (GDP) 6.4 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. रेटिंग एजेंसी ने इसका कारण असमान उपभोग के बीच बढ़े हुए सरकारी खर्च को बताया है. अप्रैल-जून में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रही, लेकिन आम चुनावों के कारण सरकार के कैपेक्‍स में कमी तथा कमजोर कंजम्‍पशन डिमांड  के कारण सितंबर तिमाही में यह धीमी होकर 7 तिमाहियों के लोएस्‍ट लेवल 5.4 फीसदी पर आ गई.

किन वजहों से अर्थव्‍यवस्‍था को लाभ

इक्रा (ICRA) की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष (2024-25) की तीसरी तिमाही में भारत के आर्थिक प्रदर्शन को कैपेक्‍स और रेवेन्‍यू एक्‍सपेंडिचर पर कुल सरकारी खर्च (केंद्र और राज्य) में तेज बढ़ोतरी, सर्विसेज एक्‍सपोर्ट में हाई ग्रोथ, व्यापारिक निर्यात में सुधार, प्रमुख खरीफ फसलों के अच्छे उत्पादन जैसे फैक्‍टर से लाभ हुआ, जिससे रूरल सेंटीमेंट को बल मिला. त्योहारी सीजन के दौरान कुछ कंजम्‍प्‍शन-फोकस्‍ड सेक्‍टर में तेजी देखी गई, जबकि अर्बन कंज्‍यूमर सेंटीमेंट में थोड़ी गिरावट आई. माइनिंग और बिजली जैसे अन्य क्षेत्रों में पिछली तिमाही में मौसम संबंधी चुनौतियों के बाद सुधार देखा गया. 

जीडीपी और जीवीए विस्तार की गति बढ़ेगी

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नायर ने कहा कि कुल मिलाकर, जहां हम उम्मीद करते हैं कि सितंबर तिमाही के सात-तिमाही के लोएस्‍ट डेटा के सापेक्ष दिसंबर तिमाही में जीडीपी और जीवीए विस्तार की गति बढ़ेगी, जो एक सुधार को दर्शाता है. वहीं प्रदर्शन जून तिमाही के लिए एनएसओ के शुरुआती अनुमानों से कमतर रह सकता है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 फरवरी को अक्टूबर-दिसंबर के ग्रोथ अनुमान जारी करेगा. यह चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी करेगा. 

निवेश की गतिविधियों में सुधार

जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमानों में एनएसओ (NSO) ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ्‍ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था, जो चार साल का सबसे निचला स्तर है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उम्मीद है कि ग्रोथ रेट 6.6 फीसदी रहेगी. इक्रा ने बयान में कहा कि अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है, जो दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी थी. असमान कंजम्‍पशन के बीच बढ़े हुए सरकारी खर्च से इसे लाभ मिलेगा. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि तीसरी तिमाही में भारत की निवेश गतिविधि में सुधार हुआ है, जैसा कि दूसरी तिमाही की तुलना में कई निवेश-संबंधी संकेतकों में सालाना आधार पर ग्रोथ में तेजी से दिखता है. 

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