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ब्रिटेन को पीछे छोड़ भारत अब दुनिया की 5वीं बड़ी इकोनॉमी, 85470 करोड़ डॉलर हुआ अर्थव्यवस्था का आकार

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) डेटाबेस और ब्‍लूमबर्ग के हिस्टोरिकल एक्‍सचेंज रेट को आधार बनाकर अमेरिकी डॉलर में की गई कैलकुलेशन में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर की आंकी गई.

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) डेटाबेस और ब्‍लूमबर्ग के हिस्टोरिकल एक्‍सचेंज रेट को आधार बनाकर अमेरिकी डॉलर में की गई कैलकुलेशन में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर की आंकी गई.

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FE Hindi Desk
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इंटरनेशनल रैंकिंग में ब्रिटेन को पछाड़ते हुए भारत ने हासिल किया विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा. जबकि ब्रिटेन पांचवें से छठे स्थान पर खिसका.

ब्रिटेन को पछाड़ते हुए भारत ने विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा हासिल कर लिया है. जबकि इंटरनेशनल रैंकिंग में ब्रिटेन पांचवें से छठे स्थान पर खिसक गया है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) डेटाबेस और ब्‍लूमबर्ग द्वारा हिस्टोरिकल एक्‍सचेंज रेट को आधार बनाकर अमेरिकी डॉलर में की गई कैलकुलेशन में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर की आंकी गई, जबकि इस आधार पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर की रही. पिछले एक दशक में इंटरनेशनल रैंकिंग में भारतीय अर्थव्यवस्था 11वें से 5वें स्थान पर पहुंची है.

आर्थिक सुधारों का मिला फायदा

भारत की इस कामयाबी के पीछे आर्थिक सुधारों का अहम योगदान है. हाल ही में भारत ने आर्थिक क्षेत्र समेत हर सेक्टर में सुधारों के लिए कड़े फैसले लिये हैं, जिनका असर अब दिखने लगा है. मेड इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसे योजनाओं का भी विकास दर पर पॉजिटिव इफेक्ट रहा है.

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ब्रिटेन में जारी है अस्थिरता का दौर

इंटरनेशनल रैंकिंग में निचले पायदान पर आए ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता और महंगाई ने हालातों को बिगाड़ रखा है. रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की बेतहाशा बढ़ती कीमतों ने लोगों की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित किया हुआ है. ब्रिटेन में सियासी मोर्चे पर भी अस्थिरता का दौर बना हुआ है. सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को जल्द ही विदेश सचिव लिज ट्रस और पूर्व चांसलर ऋषि सुनक में से किसी एक को देश का नया प्रधानमंत्री चुनना है. इसका नेगेटिव असर सीधे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. 

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इन दिनों ब्रिटेन सबसे तेज इन्फ्लेशन और मंदी की वजह से बढ़ते जोखिमों से जूझ रहा है. बैंक ऑफ इंग्लैंड की माने तो 2024 तक ब्रिटेन में ऐसे ही हालात बने रह सकते हैं. 

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