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सितंबर 2022 के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े बुधवार 12 अक्टूबर को जारी होने हैं. (File Photo)
Consumer Price Index DataSeptember 2022 Expectations: देश में खुदरा महंगाई दर 5 महीनों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने की आशंका है. यह बात देश के 47 प्रमुख अर्थशास्त्रियों के पोल में निकलकर सामने आई है. खुदरा महंगाई दर के सितंबर 2022 के आंकड़े कल यानी बुधवार 12 अक्टूबर को जारी होने हैं. पोल में शामिल अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि पिछले महीने खाने-पीने की चीजों के दाम तेजी से बढ़े हैं, जिसका असर रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़ों में भी जरूर दिखाई देगा. उनका अनुमान है कि सितंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.30 फीसदी पर पहुंच सकती है. अगस्त में यह दर 7 फीसदी रही थी. अगर ऐसा हुआ तो मई 2022 के बाद यह खुदरा महंगाई दर का सबसे ऊंचा स्तर होगा.
CPI लगातार 9वें महीने लक्ष्य से ऊपर रहने की आशंका
महंगाई दर के सितंबर के आंकड़े जारी होने से एक दिन पहले जारी इस पोल में जाहिर अनुमान अगर सही साबित हुए तो खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) के आंकड़े लगातार 9वें महीने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 6 फीसदी के निर्धारित लक्ष्य से ऊपर रहेंगे. पोल में शामिल अर्थशास्त्रियों का मानना है कि देश में दालों और सब्जियों समेत रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों के दाम पिछले कुछ अरसे में तेजी से बढ़े हैं, जिससे महंगाई दर में इजाफा हुआ है.
डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़ रही है कमजोरी, ज्यादा रिटर्न के लिए कैसे तैयार करें पोर्टफोलियो
पोल में शामिल अर्थशास्त्रियों के मुताबिक बढ़ती महंगाई के लिए यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण सप्लाई में हुई दिक्कतें और देश में बारिश की स्थिति जैसे कारण प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं. उनका मानना है कि इस महंगाई की सबसे ज्यादा मार देश के उन गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगों पर पड़ेगी, जो कोविड-19 महामारी के कारण लगे आर्थिक झटकों की वजह से पहले से ही बेहाल हैं. आबादी का यह हिस्सा अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा भोजन पर खर्च करता है, लिहाजा फूड इंफ्लेशन बढ़ने का सबसे ज्यादा असर उसी पर पड़ता है.
91% अर्थशास्त्रियों के मुताबिक 7% से ज्यादा रहेगी खुदरा महंगाई दर
सितंबर के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े बुधवार 12 अक्टूबर को जारी होने हैं. अलग-अलग अर्थशास्त्री इसके 6.60 फीसदी से 7.80 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जाहिर कर रहे हैं. रॉयटर्स के पोल में शामिस 47 में से 43 यानी 91 फीसदी अर्थशास्त्री मानते हैं कि खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी से ज्यादा रहेगी. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) के चीफ इकॉनमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी का मानना है कि फूड इंफ्लेशन का भारी दबाव महंगाई दर को ऊपर की तरफ ले जाएगा. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट आने की वजह से भी कीमतों पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा है.
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रिजर्व बैंक पर बना रहेगा रेट हाइक का दबाव
कीमतों को कम करने के लिए सरकार एक्सपोर्ट पर रोक लगाने जैसे उपाय भी आजमाकर देख चुकी है. फिर भी इस साल खुदरा कीमतें लगातार आरबीआई की निर्धारित सीमा से ऊपर ही बनी हुई हैं. जेपी मॉर्गन के चीफ इंडिया इकॉमिस्ट साजिद चिनॉय के मुताबिक कीमतों की मौजूदा स्थिति की वजह से रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का रुख बनाए रखने का दबाव बरकरार रहेगा. उनका यह भी कहना है कि रुपया जितना कमजोर होगा, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में तेजी का रुख उतना ही मजबूत होता जाएगा.