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भारत में बिजली की मांग लगातार दूसरे साल 6 फीसदी से अधिक बढ़ने की संभावना है. (reuters)
Power Demand: क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में भारत की बिजली की मांग लगातार दूसरे साल 6 फीसदी से अधिक बढ़ने की संभावना है. बिजली की डिमांड मौजूदा वित्त वर्ष में 5 फीसदी की लंबी अवधि के औसत के साथ प्रीकोविड लेवल के भी पार जा सकती है. औसत से अधिक डिमांड ग्रोथ का यह ट्रेंड अगले 2 वित्त वर्ष तक जारी रह सकता है. रेटिंग एजेंसी CRISIL ने अपनी ताजा रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है. की यह प्रवृत्ति दो और वित्तीय वर्षों तक जारी रह सकती है।
इकोनॉमिक साइकिल से जुड़ा है डिमांड
क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन दशक के ट्रेंड देखें तो पावर डिमांड इकोनॉमिक साइकिल से जुड़ा है. औसतन, यह ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) की तुलना में 100 बेसिस प्वॉइंट स्लो बढ़ता है. क्रिसिल ने इस वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज एक्टिविटीज में बढ़ोतरी
पिछले वित्त वर्ष में बिजली की डिमांड में सालाना आधार पर 8.2 फीसदी की बढ़ोतरी रही थी. तब यह प्रीपैनडेमिक लेवल से 6.9 फीसदी ज्यादा था. यह रिकवरी की मजबूती को दर्शाता है. यह डिमांड ग्रोथ कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) सेग्मेंट द्वारा संचालित थी, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज एक्टिविटीज में बढ़ोतरी हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पहले ही पावर डिमांड में सालाना आधार पर 18.7 फीसदी ग्रोथ आ चुकी है जो इकोनॉमिक रिकवरी के अनुरूप है.
किन सेक्टर में बढ़ी डिमांड
रिपोर्ट के अनुसार एग्रीकल्चर, हाउसिंग और कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) सेग्मेंट में बिजली की खपत बढ़ रही है. हाउसिंग डिमांड बढ़ी है. जबकि डीजल की ऊंची कीमतों ने एग्री सेक्टर से सब्सिडी वाली बिजली की मांग को बढ़ावा दिया है. क्रिसिल रिसर्च के निदेशक, हेतल गांधी ने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन, अगर मजबूत होता है, तो बिजली की मांग में भी बढ़ोतरी होगी. रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती मांग और सप्लाई की चुनौतियों के चलते बिजली की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई. जिससे सरकार को हाजिर कीमतें तय करनी पड़ीं.