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CPI Inflation Data : देश में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. टमाटर और अन्य सब्जियों के दामों में उछाल को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है. (File Photo : Reuters)
Retail inflation rises to 15-month high of 7.44 % in July : सब्जियों और खानेपीने की चीजों की कीमतों में लगी आग का असर अब महंगाई दर पर नजर आने लगा है. खुदरा महंगाई दर (CPI) के आंकड़ों ने 15 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जुलाई के महीने में देश में रिटेल इन्फ्लेशन की दर तेजी से बढ़कर 7.44 फीसदी पर जा पहुंची. जबकि उसके पिछले महीने में यह दर 4.81 फीसदी थी. इससे पहले अप्रैल 2022 में देश में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी तक जा चुकी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के 53 अर्थशास्त्रियों के सर्वे में जुलाई में खुदरा महंगाई दर 6.40% रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन सोमवार को आए आंकड़े इन अनुमानों से काफी अधिक रहे. जुलाई के महीने में ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर 7.63 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 7.20 फीसदी रही.
टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों का असर
महंगाई दर में इस उछाल के लिए पूरे भारत में टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में आई तेजी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. टमाटर की कीमतों में वृद्धि पूरे देश में दर्ज की गई है. बड़े शहरों में तो टमाटर 150-250 रुपये किलो तक बिका है. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों, फलों और दालों की कीमतों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति में आए इस उछाल की बड़ी वजह है. आंकड़ों के अनुसार, फूड बास्केट की महंगाई दर जुलाई में 11.51 प्रतिशत रही, जबकि जून में यह 4.55 प्रतिशत और जुलाई 2022 में 6.69 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान सब्जियों की कीमतों में सालाना आधार पर 37.43 फीसदी का इजाफा देखने को मिला, जबकि अनाज और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की दर 13 प्रतिशत थी. सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार सब्जियों के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स जून में 181.1 से बढ़कर जुलाई में 250.1 हो गया. कुल खुदरा महंगाई दर में सब्जियों का वेटेज 6.04 प्रतिशत है.
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आरबीआई पर बढ़ेगा दबाव
लार्सन एंड टूब्रो के ग्रुप चीफ सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा कि खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी पर पहुंचने से पता चलता है कि ब्याज दरों के मामले में आरबीआई का सतर्क रुख एक सही रणनीति है. उन्होंने कहा कि भारत में महंगाई की दर आने वाले दिनों में और बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. रिजर्व बैंक को सरकार ने खुदरा महंगाई दर 4 से 6 फीसदी के बीच बरकरार रखने का लक्ष्य दिया है. जाहिर है जुलाई के आंकड़े आने के बाद आरबीआई पर ब्याज दरों के मामले में दबाव और बढ़ेगा. देश में खुदरा महंगाई दर मई में 4.25 प्रतिशत पर थी, जो दो साल का निचला स्तर था. इसके मुकाबले अप्रैल में यह 4.7 फीसदी रही थी.
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भारत की खुदरा महंगाई दर लगातार तीन तिमाही तक रिजर्व बैंक के 6 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर थी. यही वजह है कि आरबीआई ने महंगाई पर काबू पाने के लिए मई 2022 के बाद नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में कई बार में मिलाकर कुल 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की. इन कोशिशों के चलते खुदरा महंगाई दर को नवंबर 2022 में टॉलरेंस लेवल के भीतर लाया जा सका था. पिछले हफ्ते ही RBI वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को संशोधित करके 5.4 प्रतिशत किया था, जबकि जून में घोषित पिछली मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था.