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ICRA Report : इस साल 81 रुपये तक जा सकता है एक डॉलर, मौजूदा वित्त वर्ष में 5.4% गिरी देश की करेंसी

ICRA के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 5.4% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है, जबकि दिसंबर तक एक डॉलर की कीमत 81 रुपये तक होने के आसार हैं.

ICRA के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 5.4% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है, जबकि दिसंबर तक एक डॉलर की कीमत 81 रुपये तक होने के आसार हैं.

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Viplav Rahi
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ICRA Outlook on India Rupee

इक्रा के मुताबिक अब से लेकर 31 दिसंबर 2022 के दरम्यान एक डॉलर की कीमत 78.5 से 81 रुपये के बीच रहने का अनुमान है.

ICRA Outlook on Indian Rupee : रुपये में कमजोरी का सिलसिला अगले चार महीनों के दौरान जारी रहने के आसार हैं, जिसके चलते एक डॉलर की कीमत 81 रुपये तक जा सकती है. यह अनुमान रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) की एक ताजा रिपोर्ट में लगाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान यानी अप्रैल 2022 से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपया 5.4 फीसदी कमजोर हो चुका है. रिपोर्ट में लगाए गए अनुमान पर भरोसा करें तो कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान रुपये में और गिरावट आने से इनकार नहीं किया जा सकता.

इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक इस कैलेंडर वर्ष के बाकी बचे महीनों के दौरान, यानी अब से लेकर 31 दिसंबर 2022 के दरम्यान एक डॉलर का मूल्य 78.5 से 81 रुपये के बीच रह सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की तरफ से निवेश दोबारा शुरू होना राहत की बात है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हालात भारतीय करेंसी की मुश्किलें फिर से बढ़ा सकते हैं.

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RBI के विदेशी मुद्रा भंडार में 45.4 अरब डॉलर की गिरावट

रिपोर्ट में बताया गया है कि 26 अगस्त 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का विदेशी मुद्रा भंडार 561 अरब डॉलर था. इस हिसाब से चालू वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में 45.4 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है. वित्त वर्ष 2021-22 के आंकड़ों से तुलना करें तो 26 अगस्त 2022 को यह विदेशी मुद्रा भंडार 10.9 महीने के आयात बिल के लिए ही काफी होगा. विदेशी मुद्रा भंडार का यह स्तर वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही जैसा नजर आ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरावट के बावजूद देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब भी इतना है कि रुपये में किसी तेज गिरावट को रोक सके.

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अगस्त के दौरान रुपये में कम हुए उतार-चढ़ाव

इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल 2022 से 5 सितंबर 2022 के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी की वैल्यू 5.4 फीसदी घट चुकी है. इस गिरावट के लिए मुख्य तौर पर जियो-पोलिटिकल टेंशन, एफपीआई द्वारा अपना निवेश बड़े पैमाने पर निकालकर देश से बाहर ले जाना (FPI Outflows), कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जैसे कारण जिम्मेदार हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद अगस्त में रुपया तुलनात्मक रूप से स्थिर रहा है.

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