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वैश्विक मंदी का असर भारत पर कम रहने का अनुमान, SBI चेयरमैन ने कहा- FY23 में 6.8% रह सकती है ग्रोथ

SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक में कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.8% रहने का अनुमान है.

SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक में कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.8% रहने का अनुमान है.

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FE Hindi Desk
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एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) के चेयरमैन दिनेश खारा (Dinesh Khara) ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) और विश्व बैंक जैसे संस्थानों की तरफ से वैश्विक मंदी आने को लेकर जताई जा रही आशंका के बावजूद भारत पर इसका असर दूसरे देशों की तुलना में कहीं कम रहने की संभावना है. आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने आए खारा ने यहां पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने के अनुमान और मुद्रास्फीति के काफी हद तक नियंत्रण में रहने से भारत तुलनात्मक रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.

भारत की अर्थव्यवस्था का बीटा घटक होगा काफी कम

चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बड़े पैमाने पर भारत की अर्थव्यवस्था मांग के मामले में आंतरिक स्तर पर निर्भर करती है. उस लिहाज से देखें तो मेरी राय में वैश्विक मंदी का एक असर तो होगा लेकिन वह दुनिया से पूरी तरह जुड़ी अन्य अर्थव्यवस्थाओं जितना शायद नहीं होगा. उन्होंने बताया कि अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था का बीटा घटक काफी कम होगा. यह घटक निर्यात का एक अहम हिस्सा है.

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रुपये की कीमत में गिरावट की ये है वजह

एसबीआई चेयरमैन खारा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति में भारत कहीं अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. जहां तक मुद्रास्फीति का सवाल है तो यह मांग से नहीं बल्कि आपूर्ति से जुड़ा हुआ पहलू है. रुपये की कीमत में लगातार हो रही गिरावट के सवाल के जवाब में एसबीआई प्रमुख ने बताया कि इसके लिए अमेरिकी डॉलर में लगातार हो रही मजबूती जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में भारतीय मुद्रा ने डॉलर के मुकाबले खुद को कहीं अधिक मजबूती से टिकाए रखा है.

(इनपुट- भाषा)

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