/financial-express-hindi/media/post_banners/HBDzKDujfrLECjFwBGIn.webp)
फिच रेटिंग्स ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के पूर्वानुमान को 7.8 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी किया
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरूवार को भारत को लेकर अपनी नई आर्थिक अनुमान रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में फिच ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) के सात फीसदी रहने के अनुमान जताया है. इससे पहले जून में फिच ने भारत की जीडीपी के 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. साथ ही एजेंसी ने आगामी वित्त वर्ष में पहले लगाए गए 7.4 प्रतिशत के अनुमान को घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है.
दमदार बैंकिंग शेयरों की है तलाश, SBI, Axis Bank, Indian Bank कराएंगे मुनाफा, ये है टारगेट प्राइस
विश्व की जीडीपी दर 2.4 फीसदी रहने का अनुमान
फिच के मुताबिक ग्लोबल इकोनॉमिक बैकड्रॉप, हाई इन्फ्लेशन और सख्त मौद्रिक नीति की वजह से भारत की विकास दर धीमी हुई है. एजेंसी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से यूरोप में खड़े हुए गैस संकट, हाई इन्फ्लेशन और सख्त मौद्रिक नीति का अर्थव्यवस्था की आर्थिक संभावनाओं पर नेगेटिव असर पड़ रहा है. फिच ने 2022 में विश्व की जीडीपी दर के 2.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. जून के अनुमान के मुकाबले में फिच ने इसमें 0.5 फीसदी की कटौती की है. फिच ने 2023 में वैश्विक जीडीपी दर के 1.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. एजेंसी ने इस साल के अंत तक ब्रिटेन समेत यूरोप और अमेरिका में हल्की मंदी आने का अनुमान जताया है.
मूडीज ने देश की GDP के 7.7 प्रतिशत का जताया था अनुमान
इससे पहले वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी वित्त वर्ष 2023 में भारत की जीडीपी के 5.4 प्रतिशत की जगह पर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. इसके साथ ही मूडीज इन्वेस्टर्स ने 1 सितंबर को भारत के लिए अपने GDP के विकास अनुमान को भी घटाकर 7.7 प्रतिशत कर दिया था. मूडीज ने मुताबिक, “भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2021 में 8.3 प्रतिशत से धीमी होकर 2022 में 7.7 तक प्रतिशत हो जाएगी. इसके साथ ही 2023 में यह और गिरकर 5.2 प्रतिशत हो जाएगी. बढ़ती ब्याज दरें, मानसून का असमान वितरण, और धीमी वैश्विक वृद्धि के कारण क्रमिक रूप से आर्थिक गति को कम हो जाएगी.”