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कोरोना के तीन झटकों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज सुधार, लेकिन इस साल बढ़ेगा राजकोषीय घाटा- अमेरिकी रिपोर्ट

कोरोना महामारी ने दुनिया भर के लगभग सभी देश बुरी तरह प्रभावित हुए और अब वे धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं.

कोरोना महामारी ने दुनिया भर के लगभग सभी देश बुरी तरह प्रभावित हुए और अब वे धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं.

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FE Hindi Desk
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Indian economy recovered strongly despite 3 Covid waves says US Treasury report

रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 में भारत का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.9 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है जो महामारी से पहले के घाटे से अधिक है. (Image-PTI)

कोरोना महामारी ने दुनिया भर के लगभग सभी देश बुरी तरह प्रभावित हुए और अब वे धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं. हालांकि भारत की बात करें तो
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें कहा गया है कि कोरोना की तीन लहरों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की है. इस छमाही रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल वर्ष 2021 के मध्य में कोरोना की दूसरी लहर के चलते आर्थिक सुधार में देरी हुई लेकिन अब यह सही रास्ते पर है. हालांकि इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.9 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है जो महामारी से पहले के घाटे से अधिक है.

वैक्सीनेशन के चलते तेजी से बढ़ी आर्थिक गतिविधियां

पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर के चलते पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित रहीं लेकिन इसके बाद अगली छमाही में वैक्सीनेशन के चलते आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी. पिछले साल के आखिरी में भारत में 44 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी जिसकी ट्रेजरी ने प्रशंसा की है. वर्ष 2020 में भारतीय इकॉनमी 7 फीसदी गिर गई थी.

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इसके बाद वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में उत्पादन महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गया जिसके चलते पूरे साल 2021 की ग्रोथ 8 फीसदी रही. इसके बाद वर्ष 2022 में भारत को तीसरी लहर का सामना करना पड़ा लेकिन मौतों की संख्या और आर्थिक गतिविधियों में गिरावट सीमित रही. रिपोर्ट में आरबीआई की सराहना की गई है. आरबीआई ने मई 2020 से नीतिगत दरों को लंबे समय तक चार फीसदी पर बनाए रखा.

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पिछले साल आयात के मुकाबले कम रहा निर्यात

वर्ष 2020 में भारत का चालू खाता सरप्लस जीडीपी का 1.3 फीसदी था जो वर्ष 2004 के बाद पहली बार सरप्लस हुआ था. हालांकि उसके बाद वर्ष 2021 में व्यापार घाटा बढ़ने के चलते चालू खाते का घाटा जीडीपी के 1.1 फीसदी पर लौट आया. भारत का ट्रेड डेफिसिट वर्ष 2020 में 9500 करोड़ डॉलर का था जो अगले साल वर्ष 2021 में बढ़कर 17.7 हजार करोड़ डॉलर पर पहुंच गया. पिछले साल की दूसरी छमाही में आयात सालाना आधार पर 54 फीसदी बढ़ा था जबकि निर्यात 43 फीसदी. गुड्स के ट्रेड डेफिसिट की भरपाई कुछ हद तक सर्विस ट्रे़ड सरप्लस (जीडीपी का 3.3 फीसदी) और आय सरप्लस (जीडीपी का 1.3 फीसदी) हुई.

(Input: PTI)

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