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FY24 में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचेगा भारत सरकार का कर्ज, बॉन्ड यील्ड में आएगा उछाल, बजट से पहले एक्सपर्ट का अनुमान

ICICI Bank के ट्रेडरी हेड बी प्रसन्ना के मुताबिक भारत सरकार ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अगले वित्त वर्ष के दौरान रिकॉर्ड लेवल पर कर्ज ले सकती है, जिससे बॉन्ड यील्ड में उछाल आने के आसार हैं.

ICICI Bank के ट्रेडरी हेड बी प्रसन्ना के मुताबिक भारत सरकार ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अगले वित्त वर्ष के दौरान रिकॉर्ड लेवल पर कर्ज ले सकती है, जिससे बॉन्ड यील्ड में उछाल आने के आसार हैं.

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FE Hindi Desk
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GOI Record Borrowing in FY24, bond yields, ICICI Bank's treasury head, भारत सरकार का कर्ज, बॉन्ड यील्ड, ब्याज दरें

GOI Record Borrowing in FY24 : अगले वित्त वर्ष के दौरान भारत सरकार रिकॉर्ड स्तर पर कर्ज ले सकती है, जिसका असर बॉन्ड यील्ड में उछाल के रूप में देखने को मिल सकता है. (Representative image: Pixabay)

Indian Government's Record Borrowing in FY24 to Push Bond Yields Higher : अगले वित्त वर्ष (FY2023-24) के दौरान भारत सरकार रिकॉर्ड स्तर पर कर्ज ले सकती है, जिसका असर बॉन्ड यील्ड में उछाल के रूप में देखने को मिल सकता है. बजट 2023 (Budget 2023) से पहले यह महत्वपूर्ण अनुमान आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के ट्रेज़री हेड बी प्रसन्ना ने जाहिर किए हैं. प्रसन्ना का कहना है कि भारत सरकार अगले वित्त वर्ष में ग्रोथ को बढ़ावा देने पर ज्यादा जोर देने वाली है, जिसके लिए रिकॉर्ड स्तर पर कर्ज लिये जाने के आसार हैं. ध्यान रहे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कुछ दिनों पहले एक कार्यक्रम में कह चुकी हैं कि सरकार अगले बजट में ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने पर जोर देगी.

FY24 में 15.75 लाख करोड़ का कर्ज ले सकती है सरकार

आईसीआईसीआई बैंक के ग्लोबल मार्केट्स, सेल्स, ट्रेंडिंग और रिसर्च डिविजन के ग्लोबल हेड बी प्रसन्ना का मानना है कि भारत सरकार वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 193 अरब डॉलर यानी करीब 15.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है. कर्ज की रकम का यह अनुमान भारत सरकार के फिस्कल डेफिसिट को देश के ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के 5.9 फीसदी के बराबर रखने के संभावित लक्ष्य पर आधारित है. इसके मुकाबले मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारत सरकार का कर्ज करीब 14.21 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 6.4 फीसदी के फिस्कल डेफिसिट (fiscal deficit) को फंड करने के लिए जरूरी है.

टैक्स कलेक्शन बढ़ने पर भी कर्ज घटने के आसार नहीं

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प्रसन्ना का कहना है कि भारत सरकार पहले से ही ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कैपिटल एक्सपेंडीचर (Capex) में इजाफा करने की रणनीति पर चल रही है. उनका कहना है कि मौजूदा हालात में अगर सरकार के टैक्स कलेक्शन में इजाफा होता है, तो भी इस रकम का इस्तेमाल कर्ज घटाने की बजाय खर्च बढ़ाने में ही किया जाएगा.

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बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी की संभावना

प्रसन्ना का अनुमान है कि सरकारी कर्ज में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की इस संभावना को देखते हुए 10 साल की बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड अगले कुछ महीनों के दौरान 7.25 से 7.50 फीसदी की रेंज में रहने के आसार हैं. फिलहाल यह यील्ड 7.29 फीसदी है, लेकिन प्रसन्ना का मानना है कि सरकार जैसे ही अगले वित्त वर्ष के लिए कर्ज लेना शुरू करेगी, इसमें बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. उनका अनुमान है कि अगर सरकार के कर्ज में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई तो बॉन्ड यील्ड 7.50 फीसदी से ऊपर भी जा सकती है.

RBI अगले महीने और बढ़ा सकता है ब्याज दर

प्रसन्ना का यह भी मानना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अगले महीने की मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरें और बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं, अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने रेट हाइक का सिलसिला जारी रखा, तो आरबीआई भी ऐसा कर सकता है. प्रसन्ना के मुताबिक रेपो रेट को 6.50 फीसदी तक बढ़ाए जाने के काफी आसार हैं, लेकिन इसे 6.75 फीसदी किए जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

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RBI को यूएस फेड से 1.5% ज्यादा रखनी होगी ब्याज दर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2022 के दौरान ब्याज दरों में कुल 225 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया, जिसके चलते मौजूदा रेपो रेट 6.25 फीसदी हो चुका है. वहीं, यूएस फेड ने 2022 में ब्याज दरें 425 बेसिस प्वाइंट बढ़ाई और उनकी मौजूदा दरें 4.25 से 4.50 फीसदी के बीच हैं. प्रसन्ना का मानना है कि RBI को अपनी ब्याज दरों को यूएस फेड की तुलना में कम से कम 1.5 फीसदी अधिक रखना होगा. इस लिहाज से अगर यूएस फेड 5 फीसदी पर रुक जाता है, तो आरबीआई 6.5 फीसदी पर रुक सकता है. हालांकि यूएस फेड ने अगर मंदी की आशंका के चलते दरें घटाना शुरू कर दिया, तो भारत में उसी अनुपात में रेट में कटौती किए जाने के आसार नहीं हैं.

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