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RBI Weekly Data : रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत के फॉरेक्स रिजर्व और सोने के भंडार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. (Representative Image: Pixabay)
India’s foreign exchange reserves dip $2.17 billion to $584.74 billion: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) में पिछले दिनों भारी गिरावट देखने को मिली है. शुक्रवार को जारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 6 अक्टूबर को खत्म सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.166 अरब डॉलर यानी 14,828 करोड़ रुपये की कमी आई है. इस गिरावट के चलते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 584.742 अरब डॉलर यानी 48 लाख 67 हजार 956 करोड़ रुपये रह गया. फॉरेन करेंसी एसेट्स (foreign currency assets) और गोल्ड रिजर्व (gold reserve) में आई कमी फॉरेक्स रिजर्व में इस गिरावट की मुख्य वजह है.
29 सितंबर को खत्म सप्ताह में 3.79 अरब डॉलर घटा था फॉरेक्स रिजर्व
इससे पिछले हफ्ते यानी 29 सितंबर 2023 को खत्म सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 586.908 अरब डॉलर था. हालांकि उस सप्ताह के दौरान फॉरेक्स रिजर्व में 3.794 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी. आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक रिपोर्ट (Weekly Statistical Supplement) के मुताबिक 6 अक्टूबर को खत्म सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा एसेट्स (FCAs) 70.7 करोड़ डॉलर यानी 3057 करोड़ रुपये घटकर 519.53 अरब डॉलर यानी 43 लाख 25 हजार 067 करोड़ रुपये रह गए. इसी दौरान रिजर्व बैंक के पास मौजूद सोने के भंडार (Gold Reserve) में 142.5 करोड़ डॉलर यानी 11,624 करोड़ रुपये की गिरावट देखने को मिली और यह भंडार 4230.6 करोड़ डॉलर यानी 3.522 लाख करोड़ रुपये रह गया.
एक साल में 4.81 लाख करोड़ रु घटा विदेशी मुद्रा भंडार
मौजूदा वित्त वर्ष (FY24) के दौरान अब तक देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट की बात करें तो देश का कुल फॉरेक्स रिजर्व 629.2 करोड़ डॉलर यानी 1,13,691 करोड़ रुपये घट चुका है. जबकि पिछले एक साल के दौरान इसमें 5187.3 करोड़ डॉलर यानी 4 लाख 81 हजार 20 करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है. अब से दो साल पहले यानी अक्टूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 645 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था. लेकिन उसके बाद से इसमें आम तौर पर ज्यादातर वक्त गिरावट ही देखने को मिली है.
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रुपये की मजबूती के लिए बाजार में दखल देता है RBI
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आने वाली गिरावट की एक बड़ी वजह यह है कि भारतीय रुपये को अंतरराष्ट्रीय दबाव के सामने टिकाए रखने के लिए रिजर्व बैंक को समय-समय पर अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करना पड़ता है. इसके लिए रिजर्व बैंक जरूरत के हिसाब से बाजार में डॉलर बेचता है ताकि रुपये को तेज गिरावट से बचाया जा सके. भारतीय मुद्रा की मजबूती के लिए रिजर्व बैंक इस तरह का हस्तक्षेप किसी पहले से तय फॉर्मूले या लेवल के आधार पर नहीं करता, बल्कि विदेशी मुद्रा बाजार के हालात को ध्यान में रखकर ऐसे फैसले करता है.