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अप्रैल 2023 में खुदरा महंगाई दर 4.7 फीसदी रही थी. (IE File image)
India’s Retail Inflation CPI in May Eases to 25-Month Low of 4.25 per cent; Aprils Industrial Growth IIP Rises to 4.2 per cent: खाने-पीने की सामग्री और फ्यूल प्रोडक्ट की कीमतें नरम पड़ने से मई में खुदरा महंगाई दर यानी इंफ्लेशन (CPI) घटकर 25 महीने के निचले स्तर 4.25 फीसदी पर आ गई. सरकार की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. देश के उद्योग जगत के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. सरकारी आंकड़ें बता रहे हैं कि इस साल अप्रैल में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ग्रोथ (IIP) 4.2 फीसदी की दर से बढ़ा है.
मई में 4.25% रही खुदरा महंगाई दर
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई 2023 में खुदरा महंगाई दर यानी इंफ्लेशन 4.25 फीसदी रही जो अप्रैल 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है. अप्रैल, 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.23 फीसदी पर थी. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी सीपीआई (CPI) आधारित महंगाई दर अप्रैल 2023 में 4.7 प्रतिशत रही थी. वहीं एक साल पहले मई 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी के स्तर पर थी. इस तरह लगातार चौथे महीने में खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है. इसके साथ ही यह लगातार तीसरा महीना है जब खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर पर है.
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दर 2 प्रतिशत घटबढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर रखने का दायित्व सौंपा हुआ है. पिछले महीने में खुदरा महंगाई दर में आई गिरावट के पीछे मुख्य रूप से खाने-पीने का सामान और फ्यूल की कीमतों में आई गिरावट की अहम भूमिका रही है. मई में खाद्य महंगाई दर 2.91 फीसदी रही जबकि अप्रैल में यह 3.84 फीसदी थी. खाद्य उत्पादों की सीपीआई सूचकांक में हिस्सेदारी करीब आधी होती है. इसके अलावा फ्यूल और प्रकाश सेगमेंट की महंगाई दर भी 4.64 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल में यह 5.52 फीसदी रही थी.
अप्रैल में 4.2% रही इंडस्ट्रियल ग्रोथ
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस यानी एनएसओ (NSO) की तरफ से सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) इस साल अप्रैल में 4.2 फीसदी की दर से बढ़ा है. इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सूचकांक (आईआईपी) अप्रैल, 2022 में 6.7 फीसदी बढ़ा था. वहीं मार्च में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 1.7 फीसदी बढ़ा था. एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल, 2023 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रोडक्शन 4.9 फीसदी बढ़ा है, जबकि एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का प्रोडक्शन 5.6 फीसदी बढ़ा था. समीक्षाधीन माह के दौरान बिजली प्रोडक्शन में 1.1 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं अप्रैल, 2022 में बिजली प्रोडक्शन की वृद्धि दर 11.8 फीसदी रही थी. इसी तरह खनन प्रोडक्शन की वृद्धि भी अप्रैल में घटी है. यह अप्रैल में घटकर 5.1 फीसदी रही है.
एक साल पहले समान महीने में इस सेक्टर का प्रोडक्शन 8.4 फीसदी बढ़ा था. उपयोग पर आधारित वर्गीकरण के अनुसार, पूंजीगत सामान सेक्टर का प्रोडक्शन अप्रैल में 6.2 फीसदी बढ़ा है. एक साल पहले समान महीने में इस सेक्टर का प्रोडक्शन 12 फीसदी बढ़ा था. समीक्षाधीन महीने में टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का प्रोडक्शन 3.5 फीसदी घट गया. एक साल पहले इस क्षेत्र का प्रोडक्शन 7.2 फीसदी बढ़ा था. उपभोक्ता गैर-टिकाऊ सामान क्षेत्र के प्रोडक्शन में अप्रैल में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का प्रोडक्शन 0.8 फीसदी घटा था. ढांचागत/निर्माण क्षेत्र की वस्तुओं के प्रोडक्शन में 12.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का प्रोडक्शन चार फीसदी की दर से बढ़ा था. आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन महीने में प्राथमिक वस्तुओं का प्रोडक्शन 1.9 फीसदी बढ़ा. अप्रैल, 2022 में प्राथमिक वस्तुओं के प्रोडक्शन में 10.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. वहीं मध्यवर्ती वस्तुओं की प्रोडक्शन वृद्धि अप्रैल में घटकर 0.8 फीसदी रह गई. एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का प्रोडक्शन 7.1 फीसदी बढ़ा था. वित्त वर्ष 2022-23 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की वृद्धि दर 5.2 फीसदी रही थी. वहीं 2021-22 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 11.4 फीसदी बढ़ा था.