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अगस्त 2022 में मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर्स के उत्पादन में कमी आना औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की बड़ी वजह है. (Representational Image : Pixabay)
IIP Declines in August 2022: आर्थिक मोर्चे पर देश के लिए चिंता में डालने वाली खबर है. अगस्त में देश का औद्योगिक उत्पादन बढ़ने की बजाय घट गया है. आज यानी बुधवार 12 अक्टूबर को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2022 देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) 0.8 फीसदी घट गया. जो पिछले 18 महीनों का सबसे निचला स्तर है. इससे पहले फरवरी 2021 में देश के औद्योगिक उत्पादन में 3.2 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली थी.
इससे पहले जुलाई 2022 के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 2.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली थी, जबकि अगस्त 2021 के दरम्यान इसमें लो बेस इफेक्ट के चलते 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के साथ ही आज आर्थिक मोर्चे पर चिंता बढ़ाने वाली ये खबर भी आई है कि खुदरा महंगाई दर लगातार 9वें महीने काबू से बाहर है.
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मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर्स में गिरावट
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2022 में मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर्स के उत्पादन में कमी आना औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की बड़ी वजह है. भारत सरकार के सांख्यिकी एंव कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2022 में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 0.7 फीसदी घट गया, जबकि अगस्त 2021 में यह 11.1 फीसदी बढ़ा था. माइनिंग सेक्टर का उत्पादन तो इस साल अगस्त में 3.9 फीसदी घट गया, जबकि पिछले साल के इसी महीने के दौरान इसमें 23.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. कंज्यूमर ड्यूरेबल सेगमेंट के उत्पादन में भी अगस्त 2022 के दौरान 2.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली, जबकि अगस्त 2021 में इसका प्रोडक्शन 11.2 फीसदी बढ़ा था.
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अप्रैल-अगस्त 2022 के दौरान 7.7% बढ़ा IIP
अप्रैल से अगस्त 2022 के 5 महीनों के दौरान IIP 7.7 फीसदी बढ़ा है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान इसमें 29 फीसदी का इजाफा हुआ था. पावर सेक्टर का उत्पादन अगस्त 2022 में महज 1.4 फीसदी बढ़ा, जबकि अगस्त 2021 में यह 16 फीसदी बढ़ा था. नए इनवेस्टमेंट का संकेत देने वाले कैपिटल गुड्स का उत्पादन इस साल अगस्त में 5 फीसदी बढ़ा है, जबकि पिछले साल के इसी महीने के दौरान इसमें 20 फीसदी का इजाफा हुआ था.
प्राइमरी गुड्स सेगमेंट में 1.7% ग्रोथ
IIP में 34 फीसदी योगदान करने वाले प्राइमरी गुड्स सेगमेंट का उत्पादन इस साल अगस्त में महज 1.7 फीसदी बढ़ा, जबकि अगस्त 2021 में इसमें 16.9 फीसदी का इजाफा हुआ था. सरकार का कहना है कि इस साल के आंकड़ों की तुलना पिछले साल से करते समय मार्च 2020 के बाद देश में कोविड महामारी के कारण पैदा हालात को भी ध्यान में रखना चाहिए. दरअसल, वित्त वर्ष 2021-22 में ग्रोथ के ज्यादातर आंकड़े उसके पिछले साल के लो-बेस-इफेक्ट की वजह से काफी बढ़े हुए नज़र आते हैं, क्योंकि 2020-21 के दौरान देश की जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.