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Inflation Report: भारत का औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) अप्रैल 2023 में 4.5 फीसदी से बढ़कर मई में 5.2 फीसदी हो गया.
CPI Inflation Report: आम लोगों को अभी महंगाई से राहत नहीं मिलती दिख रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में रिटेल इन्फ्लेशन बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81 फीसदी पर पहुंच गया है. माना जा रहा है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों के आसमान छूने कि वजह से रिटेल इन्फ्लेशन बढ़ी है. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित इन्फ्लेशन मई में 4.31 फीसदी और जून 2022 में 7 फीसदी थी. हालांकि, इन्फ्लेशन अभी भी आरबीआई के 6 फीसदी के ब्रैकेट के नीचे ही है.
कब होगा अगला पॉलिसी रिव्यू?
सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि रिटेल इन्फ्लेशन दोनों तरफ 2 फीसदी के मार्जिन के साथ 4 फीसदी पर बनी रहे. केंद्रीय बैंक अपने बाई-मंथली मॉनिटरी पॉलिसी निर्णय पर पहुंचने के लिए मुख्य रूप से सीपीआई को ध्यान में रखता है. अगला पॉलिसी रिव्यू अगले महीने की शुरुआत में हो सकता है. फ़ूड बास्केट के लिए इन्फ्लेशन जून में 4.49 फीसदी थी, जो मई में 2.96 फीसदी से अधिक थी. पिछले महीने, रिज़र्व बैंक ने नीतिगत दरों को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था और चालू वित्त वर्ष के लिए रिटेल इन्फ्लेशन औसतन 5.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बढ़ा
बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण भारत का औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) अप्रैल 2023 में 4.5 फीसदी से बढ़कर मई में 5.2 फीसदी हो गया. एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि मार्च 2020 के बाद से COVID 19 महामारी के कारण असामान्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, पिछले वर्ष की इसी अवधि की वृद्धि दर की व्याख्या की जानी चाहिए. NSO द्वारा जारी IIP आंकड़ों के अनुसार, मई 2023 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 5.7 पफीसदी बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसमें 20.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी. मई 2023 में बिजली उत्पादन में 0.9 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसमें 23.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी.