/financial-express-hindi/media/post_banners/qNQeqyiARU3jZgBzE0JU.jpg)
Internet shutdowns : अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेट सोसायटी की ताजा रिपोर्ट में इंटरनेट बंद करने से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का लेखाजोखा पेश किया गया है. (Representational Image : Indian Express)
Report on Internet shutdowns in India : मणिपुर और पंजाब समेत देश के कुछ इलाकों में कानून-व्यवस्था को संभालने के लिए बार-बार इंटरनेट बंद करने की नौबत आती है. लेकिन इससे न सिर्फ आम लोगों को परेशानी होती है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ता है. एक ताजा रिपोर्ट में इंटरनेट शटडाउन के कारण भारत को पिछले 6 महीने में हुए आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंटरनेट शटडाउन को कानून व्यवस्था बनाए रखने का एक रेगुलर उपाय मान लिया गया है, जिसके चलते देश में इस साल 'शटडाउन रिस्क' 16 फीसदी रहा है, जो दुनिया के ज्यादातर देशों के मुकाबले अधिक है.
बिजनेस, रोजगार और निवेश में चौतरफा नुकसान
ग्लोबल संस्था इंटरनेट सोसायटी (Internet Society) की रिपोर्ट 'नेटलॉस' (Netloss) में दी जानकारी के मुताबिक जनवरी से जून 2023 के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा की गई इंटरनेट बंदी से देश को करीब 1.9 बिलियन डॉलर यानी करीब 15,598 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इंटरनेट बंद होने के कारण इसी अवधि के दौरान देश के लोगों को 21,000 हजार नौकरियों का भी नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं, इसकी वजह से करीब 11.8 करोड़ डॉलर के विदेशी निवेश से भी हाथ धोना पड़ा है.यह सारी जानकारी ग्लोबल संस्था इंटरनेट सोसायटी (Internet Society) ने अपनी ताजा रिपोर्ट 'नेटलॉस' (Netloss) में दी है.
Also read : राहुल गांधी को मणिपुर में रोके जाने पर भड़की कांग्रेस, सरकार पर लगाया तानाशाही का आरोप
इंटरनेट शटडाउन से बिगड़ सकती है कंपनी की इमेज
रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट शटडाउन से न सिर्फ ई-कॉमर्स, टाइम सेंसेटिव ट्रांजैक्शन, बिजनेस कस्टमर कम्यूनिकेशन में दिक्कत आती है, बल्कि कंपनियों के लिए फाइनेंशियल रिस्क और रेप्युटेशन यानी इमेज बिगड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है. संस्था ने अपनी रिपोर्ट में इंटरनेट शटडाउन के कारण होने वाले कुल नुकसान का आकलन करने के दौरान आउटपुट यानी उत्पादन के अलावा रोजगार की दर, फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI), भविष्य में शटडाउन की आशंका, वर्किंग पॉपुलेशन जैसे फैक्टर्स पर भी ध्यान दिया है.
सरकारें इंटरनेट शटडाउन के नुकसान पर ध्यान नहीं देतीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारें आम तौर पर ऐसा मानती हैं कि इंटरनेट बंद करने से कानून व्यवस्था सुधर जाएगी, लोगों के बीच गलत सूचनाओं का फैलाव रुक जाएगा और साइबर सिक्योरिटी भी बेहतर होगी. लेकिन उनकी यह मान्यता सही नहीं है. उल्टे इंटरनेट बंद करना इकॉनमी के लिए काफी नुकसानदेह साबित होता है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. इंटरनेट सोसायटी के प्रेसिडेंट और सीईओ एंड्र्यू सुलिवान (Andrew Sullivan) के मुताबिक दुनिया भर में इंटरनेट शटडाउन में बढ़ोतरी हुई है. इससे जाहिर होता है कि सरकारें इंटरनेट बंद करने की वजह से पड़ने वाले बुरे असर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही हैं.