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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सामने सबसे बड़ी चुनौती है महंगाई .
इंवेस्टर्स सर्विस मूडीज (Moody’s) ने हाल ही में जारी किये नए अनुमानों में दावा किया है कि साल 2022 में भारत की जीडीपी (GDP) विकास दर 7.7 प्रतिशत रहेगी. इससे पहले मूडीज ने देश की जीडीपी ग्रोथ के 8.3 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी. इसके साथ ही मूडीज ने साल 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट में भारी गिरावट होने की आशंका जाहिर ही है. मूडीज की माने तो साल 2022 के मुकाबले 2023 में जीडीपी विकास दर घटकर 5.2 फीसदी रह सकती है.
मूडीज ने भारत की जीडीपी में गिरावट के पीछे बढ़ती ब्याज दरों, भारी बारिश और धीमी वैश्विक वृद्धि को बड़ा कारण बताया है. मूडीज के मुताबिक डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहे भारतीय रूपया भी देश में बढ़ती महंगाई की एक बड़ी वजह है. मूडीज के मुताबिक इस समय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सामने महंगाई एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी हुई हैं. यही वजह है कि देश में महंगाई व आर्थिक वृद्धि में संतुलन बनाये जाने में दिक्कत हो रही है.
जारी रह सकती है मौद्रिक नीति में सख्ती
रिपोर्ट की माने तो जुलाई के महीने में महंगाई दर थोड़ी कम जरूर हुई थी, लेकिन यह RBI द्वारा तय की लिमिट से कहीं ज्यादा सीमा से थी. इस बीच आरबीआई ने भी 2023 में महंगाई दर के ज्यादा रहने की आशंका जाहिर की है. आरबीआई के मुताबिक साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च 2023) में महंगाई दर 5.8 फीसदी रहेगी जो दूसरी तिमाही में घटकर 5.0 प्रतिशत हो सकती है.
हालांकि मूडीज ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कमोडिटीज की कीमतों में तेज गिरावट आती है तो भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट में इजाफा हो सकता है.
इससे पहले नेशनल स्टैटिक्स ऑफिस की ओर से जारी किये गए आंकड़ों में अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास होने की बात कही गई थी.