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MSP Hike : नए एमएसपी से सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है. (PTI)
MSP Hike News : मोदी सरकार के तीसरे टर्म में किसानों को एक और सौगात मिली है. कैबिनेट ने ने खरीफ की फसलों (Kharif Crop MSP) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी MSP बढ़ाने की मंजूरी दी गई है. खरीफ की 14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई है. धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 117 रुपये बढ़ाकर 2300 रुपये कर दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खरीफ की फसलों की MSP बढ़ाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसानों के कल्याण के लिए कई निर्णयों के माध्यम से परिवर्तन के साथ निरंतरता पर केंद्रित है. बता दें कि इसके पहले पीएम मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 9.26 करोड़ किसानों के खातों में 17वीं किस्त के रूप में करीब 20 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे.
Cabinet approves MSP for 14 Kharif season crops, farmers to get Rs 35,000 crore more over previous season
— ANI Digital (@ani_digital) June 19, 2024
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किन फसलों पर कितनी MSP?
कपास के लिए की न्यूनतम समर्थन मूल्य 7121 रुपये तय किया गया है. इसमें 501 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. 2013-14 में कपास की एमएसपी 3700 रुपये थी. इसी तरह रागी की एमएसपी 4290 रुपये, मक्के की एमएसपी 2225 रुपये, मूंग की एमएसपी 8682 रुपये तय की गई है. तूर दाल की एमएसपी 7550 रुपये की गई है. उरद दाल की नई एमएसपी 7400 और मूंगफली के तेल की एमएसपी 6783 रुपये की गई है. इसके साथ ही दो लाख गोदाम बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है.
सरकार पर 2 लाख करोड़ का बोझ
नए न्यूनतम समर्थन मूल्य से सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि MSP फसल की लागत का कम से कम 1.5 गुना होनी चाहिए.
न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है, भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो. वजह यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े. उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे.
खरीफ में कौन-कौन सी फसलें?
धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि. खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं, जबकि सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है.