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Petrol, Diesel Prices Outlook: पेट्रोल, डीजल 3 से 5 रु प्रति लीटर हो सकते हैं सस्ते, OPEC के फैसले से बड़ी राहत

ग्लोबल लेवल पर वैसे भी मंदी की आशंका और जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते क्रूड डिमांड आउटलुक कमजोर है. वहीं सप्लाई बढ़ने से क्रूड की कीमतों पर दबाव और बढ़ेगा.

ग्लोबल लेवल पर वैसे भी मंदी की आशंका और जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते क्रूड डिमांड आउटलुक कमजोर है. वहीं सप्लाई बढ़ने से क्रूड की कीमतों पर दबाव और बढ़ेगा.

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Sushil Tripathi
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Petrol, Diesel Prices Outlook: पेट्रोल, डीजल 3 से 5 रु प्रति लीटर हो सकते हैं सस्ते, OPEC के फैसले से बड़ी राहत

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी है और यह 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे है. (File)

Petrol, Diesel Prices Today: कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में गिरावट जारी है. बुधवार को ब्रेंट क्रूड में गिरावट जारी रही और यह 97 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गया. इस बीच OPEC + देशों ने सितंबर में भी प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला लिया है, हालांकि इसकी गति कुछ धीमी होगी. ग्लोबल लेवल पर वैसे भी मंदी की आशंका और जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते क्रूड डिमांड आउटलुक कमजोर है. वहीं इस बीच सप्लाई बढ़ने से क्रूड की कीमतों पर दबाव और बढ़ गया है. एक्सपट्र माने रहे हें कि आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड 93 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड 88 डॉलर प्रति बैरल तक कमजोर हो सकता है. इससे घरेलू स्तर पर महंगाई कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का मौका मिलेगा.

3 महीने में क्रूड 18 फीसदी कमजोर

IIFL के VP-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि हमने देखा है कि पिछले 3 महीने में एमसीएक्स पर कच्चे तेल की कीमत में लगभग 18 फीसदी की गिरावट आई है. ब्रेंट क्रूड में भी 18 फीसदी की गिरावट आई है और यह 96.69 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. जबकि इस साल एक समय में क्रूड 130 डॉलर के लेवल को पार कर गया था. मार्च 2022 में इसने 138 डॉलर प्रति बैरल का एक साल का उच्च स्तर बनाया और हाजिर बाजार में डब्ल्यूटीआई मार्च 2022 में 126.34 डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए अच्छी खबर

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उनका कहना है कि अमेरिकी डाटा से पता चला है कि कच्चे तेल और गैसोलीन के भंडार में पिछले हफ्ते अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है. वहीं OPEC + ने कहा है कि यह अपने तेल उत्पादन लक्ष्य को 100,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) बढ़ा देगा. यानी बाजार में क्रूड की सप्लाई बनी रहेगी. जबकि इन दिनों जियो पॉलिटिकल टेंशन खासतौर से यूएस और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव से क्रूड की ग्लोबल डिमांड घटने की उम्मीद है. इससे इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड सस्ता होगा. यह भारत जैसी उन अर्थव्यवस्थाओं के लिए अच्छी खबर है, जो कच्चे तेल का भारी मात्रा में आयात करते हैं.

पेट्रोल, डीजल के घटेंगे दाम

अनुज गुप्ता का कहना है कि मौजूदा हालात को देखें तो क्रूउ अभी 97 डॉलर प्रति बैरल पर है. लेकिन प्रोडक्शन बढ़ा और मांग में कमी आई तो ब्रेंट क्रूड 93 डॉलर और अमेरिकी डॉलर 88 डॉलर प्रति बैरल तक कमजोर हो सकते हैं. एवरेज देखें तो क्रूड 90 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता हो सकता है. ऐसा हुआ तो भारत में जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतें 3 से 5 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं.

OPEC + ने क्या लिया फैसला

तेल निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) और उसके सहयोगी देशों ने सितंबर में प्रोडक्शन पिछले महीनों की तुलना में धीमी गति से बढ़ाने का फैसला किया है. यह निर्णय ऐसे समय किया गया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल के दाम उच्च स्तरों पर हैं और सप्लाई भी अस्थिर बनी हुई है. OPEC और सहयोगी देशों (ओपेक प्लस) ने कहा कि वे अगले महीने 1,00,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाएंगे, जबकि जुलाई और अगस्त में यह 6,48,000 बैरल प्रतिदिन था. समूह ने बैठक में बढ़ रही महंगाई और कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए मांग पर पड़ने वाले असर पर विचार किया. एक्सपर्ट का कहना है कि OPEC देशों के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम कम होंगे. इससे आगे भारत में भी पेट्राल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं.

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