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RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक की बैठक में क्या होगा फैसला, बढ़ेगी ब्याज दर या ग्रोथ पर रहेगा फोकस? ये है जानकारों की राय

RBI MPC Meeting: अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सर्वे में शामिल ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो रेट को 6.50% पर ही बनाए रखेगा.

RBI MPC Meeting: अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सर्वे में शामिल ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो रेट को 6.50% पर ही बनाए रखेगा.

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FE Hindi Desk
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RBI MPC Meeting : रिजर्व बैंक की बैठक में होने वाले फैसले का एलान गुरुवार को होना है. (File Photo : Reuters)

RBI expected to leave key interest rate unchanged in MPC Meeting : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गुरुवार को ब्याज दरों में किसी बदलाव का एलान नहीं करेगा - यह आमराय अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग के सर्वे में शामिल ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने जाहिर की है. पोल में शामिल इकॉनमिस्ट का मानना है कि रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो रेट को 6.50% पर ही बनाए रखेगा. रॉयटर्स के पोल में शामिल 64 अर्थशास्त्रियों में ज्यादातर का मानना है कि साल 2023 के बाकी बचे महीनों के दौरान भी भारतीय रिजर्व बैंक मोटे तौर पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने की नीति पर ही टिका रहेगा. RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक मंगलवार 6 जून को शुरू हुई थी, जिसमें लिए गए फैसलों का एलान गवर्नर शक्तिकांत दास गुरुवार 8 जून को सुबह 10 बजे करेंगे.

RBI की पिछली बैठक में क्या हुआ था फैसला

इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई अपनी पिछली एमपीसी की बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया था. उस वक्त शक्तिकांत दास ने कहा था कि रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में पॉज (Pause) लेने का फैसला किया है, लेकिन इस रुख में जरूरत के मुताबिक बदलाव किया जा सकता है. लंबे समय तक ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी करने के बाद ब्याज दरें और नहीं बढ़ाने का आरबीआई का फैसला महंगाई दर की स्थिति में सुधार और इकनॉमिक ग्रोथ पर ज्यादा ध्यान देने के मकसद से किया गया था. माना जा रहा है कि इस बार भी उसका यही रुख जारी रह सकता है.

कैसा रहेगा महंगाई का मिजाज?

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ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में शामिल सभी 40 अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जाहिर किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट को 6.50% के स्तर पर ही बनाए रखेगा. इन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले महीनों के दौरान भारत में महंगाई दर काबू में बने रहने के आसार हैं. अप्रैल के महीने में देश की खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) घटकर 4.7% रही थी, जो 18 महीने का सबसे निचला स्तर था. सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दर 2% से अधिकतम 6% के बीच बरकरार रखने का लक्ष्य दिया है. जाहिर है, अप्रैल में महंगाई दर के आंकड़े आरबीआई को राहत देने वाले रहे हैं.

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आर्थिक विकास दर के आंकड़ों ने दी राहत

हाल ही में आए आर्थिक विकास दर के आंकड़े भी आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत दे रहे हैं. पिछले हफ्ते आए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश की जीडीपी विकास दर 7.2% रही, जो 7% ग्रोथ के पिछले सरकारी अनुमान से बेहतर है. मार्च 2023 में खत्म तिमाही के दौरान भी देश की जीडीपी विकास दर 6.1% रही, जो ज्यादातर अनुमानों से बेहतर है. अच्छी बात यह भी है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान सर्विस, एक्सपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर्स में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है.

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कैसा है बाकी केंद्रीय बैंकों का रुझान

बर्कलेज़ (Barclays Plc) के अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया के मुताबिक ग्रोथ में मजबूती और महंगाई दर में गिरावट के इस रुझान के चलते रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में स्थिरता बनाए रखने का मौका मिल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व भी आने वाले दिनों में ब्याज दरों के बारे में ऐसा ही फैसला कर सकता है. दुनिया के ज्यादातर प्रमुख केंद्रीय बैंक फिलहाल इसी तरह का रुझान दिखा रहे हैं. हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया मंगलवार को ब्याज दरें बढ़ाने का एलान करके सबको चौंका चुका है. उसने अपने इस फैसले के लिए बढ़ती महंगाई को वजह बताया है. लेकिन भारत में फिलहाल कीमतों के काबू में रहने की वजह से ऐसे किसी फैसले के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं.

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