/financial-express-hindi/media/member_avatars/RsG3L7DqXrOWG11NtQsz.jpeg )
/financial-express-hindi/media/media_files/UiNRBrtarUSHSzbMLz3r.jpg)
Repo Rate Unchanged: यह लगातार 7वीं पॉलिसी है, जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतिम बार फरवरी 2023 की पॉलिसी में ब्याज दरों में इजाफा हुआ था. (PTI)
RBI Monetary Policy Committee (MPC) Meet: रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने नए वित्त वर्ष 2025 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) में भी राहत दी है. रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 अप्रैल 2024 को पॉलिसी (Rbi Monetary Policy Updates) का एलान करते हुए में ब्याज दरों (Interest Rate) में किसी तरह का बदलाव नहीं करने की बात कही है. रेपो रेट (Repo Rate) पहले की तरह 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेगा. यह लगातार 7वीं पॉलिसी है, जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अंतिम बार फरवरी 2023 की पॉलिसी में ब्याज दरों में इजाफा हुआ था. आरबीआई गवर्नर ने FY25 में GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान जताया है.
रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर कमर्शियल बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. इससे होमलोन (Home Loan) या अन्य लोन की दरें भी प्रभावित होती हैं.
रुख में भी कोई बदलाव नहीं
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि 3-5 अप्रैल के दौरान हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने पर अपनी सहमति जताई है. MPC ने विद्ड्रॉल ऑफ एकोमोडेशन के पक्ष में 5-1 से वोट किया है, यानी रिजर्व बैंक ने अपने रुख में भी कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से मिले-जुले संकेत ही मिल रहे हैं. अस्थिर ग्लोबल स्थितियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन किया है. महंगाई भी कंट्रोल में है. हालांकि महंगाई से अभी पूरी तरह से चिंता कम नहीं हुई है. MSF को भी इस बार बिना किसी बदलाव के 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.
GDP ग्रोथ अनुमान
रिजर्व बैंक को फाइनेंशियल ईयर 2025 में GDP ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान है. Q1FY25 में GDP ग्रोथ 7.2 फीसदी से घटकर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है. Q2FY25 में GDP ग्रोथ अनुमान 6.8 फीसदी से बढ़कर 6.9 फीसदी. Q3FY25 में GDP ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी पर बरकरार है. जबकि Q4FY25 में GDP ग्रोथ अनुमान 6.9 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी किया है.
CPI अनुमान 4.5% पर बरकरार
FY25 के लिए CPI अनुमान 4.5 फीसदी पर बरकरार है. Q4FY25 के लिए CPI अनुमान 4.7 फीसदी से घटकर 4.5 फीसदी. Q1FY25 के लिए CPI अनुमान 5 फीसदी से घटकर 4.9 फीसदी. जबकि Q2FY25 के लिए CPI अनुमान 4 फीसदी से घटकर 3.8 फीसदी किया है.
पॉलिसी पर एक्सपर्ट व्यू
बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के सीआईओ- फिक्स्ड इनकम, प्रशांत पिंपले का कहना है कि क्रूड, यूएस ट्रीजरी के साथ-साथ जियो-पॉलिटिकल टेंशन के चलते मॉनेटरी पॉलिसी मॉडरेट रही. आरबीआई एमपीसी ने स्पष्ट रूप से प्राइस स्टेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित रखा है, जिसमें महंगाई के साथ-साथ विदेशी मुद्रा स्थिरता को भी शामिल किया गया है. आरबीआई बैंकिंग सिस्टम की लिक्विडिटी के मामले में "निंबल एंड विजिलेंट" बना हुआ है और हम उम्मीद करते हैं कि रेपो रेट के करीब ओवरनाइट रेट के साथ वित्तीय स्थिति कंफर्टेबल रहेगी. आगे चलकर यील्ड कर्व में तेजी आने की उम्मीद है.
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड-फिक्स्ड इनकम, पुनीत पाल का कहना है कि एमपीसी ने कई मोर्चे पर अनिश्चितताओं को देखते हुए सतर्क रुख अपनाते हुए दरों पर यथास्थिति बरकरार रखी है, जैसा कि अनुमान भी था. हम उम्मीद करते हैं कि बांड यील्ड सीमित दायरे में रहेगी, हालांकि क्रूड की ऊंची कीमतों और जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितता के कारण निकट अवधि की यील्ड कुछ दबाव में आ सकती है.
6 बढ़ोतरी के बाद 7 बार से पॉज
मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच ब्याज दरों में लगातार 6 बार इजाफा किया गया था. 6 बार में ब्याज दरें 2.5 फीसदी बढ़ गईं. फरवरी 2023 के बाद से यह लगातार 7वीं पॉलिसी है, जब ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ. इसके पहले पिछले साल दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था. 30 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट, अगस्त 2002 में 50 बेसिस प्वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था. इस तरह से मई 2022 के बाद से रेपो रेट में 2.50 फीसदी बढ़ोतरी हुई. मई 2022 के पहले रेपो रेट 4 फीसदी था, जो अभी 6.50 फीसदी है.
महंगाई रिजर्व बैंक के दायरे में
फरवरी में रिटेल महंगाई दर 5.09 फीसदी रही है, जबकि जनवरी में यह 5.10 फीसदी रही थी. दिसंबर में रिटेल महंगाई 5.69 फीसदी थी. रिजर्व बैंक महंगाई को 2-6% के बीच में ही रखना चाहता है, बीते तीन महीने से महंगाई रिजर्व बैंक द्वारा तय लक्ष्य के दायरे में ही है.
अगस्त 2024 से पहले बदलाव की संभावना कम
इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के अनुसार राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के 2023-24 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान बढ़ाये जाने के साथ लगातार तीन तिमाहियों में ग्रोथ रेट 8 फीसदी से अधिक रहने और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) फरवरी में 5.1 फीसदी रहने से आगामी मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में नीतिगत दर और रुख में बदलाव की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि इकरा का मानना है कि नीतिगत स्तर पर रुख में अगस्त 2024 से पहले बदलाव होने की संभावना नहीं है. उस समय तक मानसून को लेकर स्थिति साफ होगी. साथ ही आर्थिक ग्रोथ और अमेरिकी केंद्रीय बैंक का नीतिगत दर को लेकर रुख भी साफ हो जाएगा. नायर ने कहा कि इन सबको देखते हुए नीतिगत दर में कटौती इस साल अक्टूबर तक होने की उम्मीद है. यह स्थिति तब होगी जब इकोनॉमिक ग्रोथ के स्तर पर कोई समस्या नहीं हो.