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RBI on Rupee Fall: रिजर्व बैंक गवर्नर का दावा, कई देशों की करेंसी से मजबूत है हमारा रुपया, सरकार नहीं बढ़ने देगी अस्थिरता

RBI गवर्नर ने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों की करंसी की तुलना में भारतीय रुपया भी बेहतर स्थिति में है. इसमें अस्थिरता नहीं आने दी जाएगी.

RBI गवर्नर ने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों की करंसी की तुलना में भारतीय रुपया भी बेहतर स्थिति में है. इसमें अस्थिरता नहीं आने दी जाएगी.

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FE Hindi Desk
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RBI on Rupee Fall: रिजर्व बैंक गवर्नर का दावा, कई देशों की करेंसी से मजबूत है हमारा रुपया, सरकार नहीं बढ़ने देगी अस्थिरता

RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कमजोर हो रहे रुपये पर बड़ा बयान दिया है. (File)

RBI Governor on Volatility in Rupee vs Dollar: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) कमजोर हो रही करंसी और भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि गंभीर चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर स्थिति में है. BOB एनुअल बैंकिंग कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों की करंसी की तुलना में भारतीय रुपया भी बेहतर स्थिति में है. बता दें कि घरेलू करंसी हाल ही में 80 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक लेवल तक कमजोर हुई थी. इसमें आगे भी गिरावट का अनुमान है.

उतार-चढ़ाव और अस्थिरता बर्दाश्त नहीं

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सेंट्रल बैंक की नजर रुपये में तेज उतार-चढ़ाव और अस्थिरता नहीं आने दी जाएगी. इसे रोकने के लिए आरबीआई ने कदम उठाए हैं. भारतीय रिजर्व बैंक बाजार में अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति कर रहा है और इस तरह लिक्विडिटी (तरलता) की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है. आरबीआई के कदमों से रुपये को सपोर्ट मिलेगा. शक्तिकांता दास ने कहा कि असुरक्षित विदेशी मुद्रा के लेनदेन से घबराने की बजाए इस पर तथ्यात्मक रूप से ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरबीआई ने रुपये के किसी विशेष स्तर का लक्ष्य तय नहीं किया है.

ब्याज दरें बढ़ाने पर क्या कहा

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई के लक्ष्यीकरण के लिए 2016 में अपनाए गए मौजूदा ढांचे ने बहुत अच्छा काम किया है और आरबीआई के लक्ष्य के अनुपात में ही महंगाई के स्तर देखे गए हैं. रेपो रेट पर उन्होंने कहा कि आरबीआई लिक्विडिटी और दरें बढ़ाने के बारे में फैसला लेते वक्त ग्रोथ संबंधी लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखता है और इसी के मुताबिक आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी निर्णय लेती है.

सरकार कर सकती है हस्तक्षेप

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विदेशी मुद्रा की अप्रतिबंधित उधारी से परेशान होने की जरूरत नहीं है. बड़ी संख्या में ऐसे लेनदेन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कर रही हैं और सरकार जरूरत पड़ने पर इसमें हस्तक्षेप कर सकती है और मदद भी दे सकती है.

आज रुपये की चाल

विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 7 पैसे कमजोर होकर 79.92 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर आ गया. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.90 के भाव पर खुला लेकिन थोड़ी ही देर में यह 79.92 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. गुरूवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और विदेशी पूंजी का निवेश बढ़ने के कारण रुपया अपने ऐतिहासिक निचले स्तर से उबरकर और 20 पैसे सुधरकर 79.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

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