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RBI का रेपो रेट अभी 6.50% है, जो फरवरी 2019 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. (File Photo)
Experts Prediction on RBI Monetary Policy : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) चालू वित्त वर्ष में पहली बार गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति का एलान करेगा. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) इस बार फिर ब्याज दर में 25 से 35 बेसिस प्वाइंट्स (bps) तक बढ़ोतरी कर सकती है. रिजर्व बैंक पिछले साल मई से लेकर अब तक महंगाई दर (inflation) पर काबू पाने के लिए रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर चुका है. जनवरी से लगातार दो महीनों तक देश की महंगाई दर आरबीआई के 6 प्रतिशत के दायरे से ऊपर रही है. फरवरी में भारत की खुदरा महंगाई दर 6.44% थी, जबकि जनवरी में यह 6.52% रही थी.
रेपो रेट में हो सकता है 25 bps का इजाफा : श्रीकांत
कोटक चेरी (Kotak Cherry) के सीईओ श्रीकांत सुब्रमण्यन का मानना है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में पहले ही 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर चुका है. फिर भी इकॉनमी में ग्रोथ बनी हुई है और इकॉनमी में कोई ‘ओवर हीटिंग’ यानी सप्लाई की कमी नजर नहीं आ रही है. उनका कहना है कि "रिजर्व बैंक अपनी इस बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा करने के बाद रेट हाइक साइकल को रोकने का फैसला कर सकता है. उनका मानना है कि अगले कुछ महीनों में यह भी साफ हो जाएगा कि यूएस फेडरल रिजर्व की पॉलिसी किस दिशा में आगे बढ़ रही है. इसके अलावा पिछले महीनों के दौरान ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी का महंगाई दर और ग्रोथ रेट पर असर भी नजर आने लगेगा.
RBI महंगाई पर काबू पाने के लिए बढ़ाएगा ब्याज दर : मंदार
एसबीएम बैंक इंडिया के ट्रेजरी हेट मंदार पिटाले ने कहा कि “घरेलू कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित महंगाई दर पिछले 2 महीनों से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. इसके अलावा बेमौसम बारिश और अल नीनो के कारण होने वाली अड़चनों के चलते फूड इंफ्लेशन बढ़ने का खतरा भी मौजूद है. इन हालात में आरबीआई महंगाई पर काबू पाने की अपनी कोशिश को और मजबूत करने के लिए रेपो रेट में और 25 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा कर सकता है. उन्होंने कहा कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा भी अपने रेट हाइक साइकल को जारी रखे जाने की उम्मीद है. ऐसे में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला रोकने से पहले अप्रैल की बैठक में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला कर सकती है.
2016 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर जा सकता है रेपो रेट
रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर रिजर्व बैंक देश के कॉमर्शियल बैंकों को पैसे उधार देता है. आरबीआई का रेपो रेट अभी 6.50 प्रतिशत है, जो फरवरी 2019 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. अगर आरबीआई एक बार फिर इसमें 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने का फैसला करता है, तो रेपो रेट अप्रैल 2016 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच जाएगा.
25 से 35 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी संभव : गोयल
मनीहॉप के फाउंडर और सीईओ मयंक गोयल ने कहा, "हमने पिछले साल सितंबर से देखा है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का महंगाई दर पर काबू पाने में सकारात्मक असर पड़ा है. लिहाजा इस बात की काफी संभावना है कि रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में 25 से 35 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा." उन्होंने उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक के इस कदम से महंगाई दर गिरकर आखिरकार 3 से 4% तक आ जाएगी.
कीमतों पर तेल के दबाव का होगा असर
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के निदेशक शरद चंद्र शुक्ला ने कहा कि “ओपेक देशों द्वारा हाल ही में तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की गई है. इसके चलते भारत में महंगाई दर पर फ्यूल प्राइसेस में बढ़ोतरी का दबाव जारी रहने के असार हैं. इसके अलावा देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश से फसलों पर बुरा असर पड़ा है. इन हालात में रिजर्व बैंक पॉलिसी रेट में एक बार फिर से 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है. रिजर्व बैंक की एमपीसी कमेटी की बैठक 3,5 और 6 अप्रैल को हो रही है. बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी 6 अप्रैल को दी जाएगी.