scorecardresearch

RBI Monetary Policy Live: ब्याज दरों पर लगातार चौथी बार पॉज, रेपो रेट 6.50% पर बरकरार, FY24 में 6.5% रह सकती है GDP ग्रोथ

RBI Monetary Policy Oct 2023 Live Updates: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.5% अनुमानित है.

RBI Monetary Policy Oct 2023 Live Updates: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.5% अनुमानित है.

author-image
Sushil Tripathi
एडिट
New Update
RBI Monetary Policy Committee Keeps Policy Rates Unchanged

RBI MPC Decision Announcement Live News: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्‍याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का एलान किया है. (file image)

RBI Monetary Policy Repo Rate Live Updates: रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्‍त वर्ष की चौथी मॉनेटरी पॉलिसी में भी राहत दी है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्‍याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का एलान किया है. यानी रेपो रेट पहले की तरह 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेगा. एमपीसी के सभी सदस्‍य पॉलिसी दरों को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में थे. आरबीआई ने स्‍टॉन्‍स में भी कोई बदलाव नहीं किया है. 6 में 5 सदस्‍य अकोमेडिटिव रूख बनाए रखने के पक्ष में थे. शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू और ग्‍लोबल स्‍तर पर महंगाई की चिंता अभी भी बनी हुई है. हालांकि फाइनेंशियल स्टेबिलिटी अब आ रही है और डिमांड में बढ़ोतरी है. ग्लोबल मार्केट की तुलना में घरेलू बाजार का प्रदर्शन बेहतर है. फिर भी हर परिस्थिति पर रिजर्व बैंक अपनी नजर बनाए हुए है. बता दें कि इसके पहले अगस्त 2023, जून 2023 और अप्रैल 2023 की पॉलिसी में भी दरों में बदलाव नहीं हुआ था. हालांकि उसके पहले मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच 6 बार ब्‍याज दरों में इजाफा किया गया था. रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर कमर्शियल बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं.

6 बढ़ोतरी के बाद 4 बार से पॉज

मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच ब्‍याज दरों में लगातार 6 बार इजाफा किया गया था. इसके पहले अगस्त, जून और अप्रैल पॉलिसी में दरों में बदलाव नहीं हुआ था. लेकिन 8 फरवरी 2023 को RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया था. वहीं पिछले साल यानी 2022 में ब्‍याज दरों में 5 बार बढ़ोतरी की गई थी. पिछले साल दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वॉइंट का इजाफा हुआ था. 30 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, अगस्‍त 2002 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था. इस तरह से मई 2022 के बाद से रेपो रेट में 2.75 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी है. मई 2022 के पहले रेपो रेट 4 फीसदी था, जो अब बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है.


Advertisment
  • 15:33 (IST) 06 Oct 2023
    यील्ड कर्व आगे चलकर तेज होगा

    पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड-फिक्स्ड इनकम, पुनीत पाल ने कहा कि MPC पॉलिसी आज उतनी ही आक्रामक थी जितनी हो सकती थी, भले ही दरों को अपरिवर्तित रखा हो. महंगाई को अभी भी "प्रमुख जोखिम" बताते हुए आरबीआई गवर्नर ने जोर देकर दोहराया कि इनफ्लेशन का आरगेट 4% है, न कि 2% से 6%. इस एलान के साथ कि आरबीआई ओएमओ बिक्री आयोजित करके लिक्विडिटी का प्रबंधन करने में सक्षम होगा, ने बांड बाजारों में हलचल मचा दी है और बेंचमार्क 10yt यील्ड 14 बीपीएस बढ़कर 7.35 फीसदी हो गई है. हम उम्मीद करते हैं कि यील्ड कर्व आगे चलकर तेज होगा.


  • 15:02 (IST) 06 Oct 2023
    रियल्टी सेक्टर के लिए पॉजिटिव

    अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का भारतीय रिजर्व बैंक का फैसला सराहनीय कदम है. इससे घर खरीदार प्रोजेक्ट्स की तरफ आकर्षित होंगे, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को मुनाफा होगा. रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का निर्णय घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए राहत की खबर है.

    रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि रिप्रोडक्शन को बनाए रखने के लिए आरआरबी के बेंचमार्क सैम्पल्स की आशा के अनुरूप काम चल रहा है. इससे रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलता है और जीवन के हर क्षेत्र से शुभ त्योहारी सीजन में निवेश करने के लिए मिलता है. पिछले कुछ महीनों से दस्तावेज़ 6.50% पर स्थिर हैं, जो नामांकन के बिना जेब पर रखे गए पैकेज के लिए नामांकन के उपाय को चित्रित करता है.

    गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई एनसीआर के अध्‍यक्ष मनोज गौड़ ने बताया क‍ि भले ही रियल एस्टेट सेक्टर को उम्‍मीद थी क‍ि रेपो रेट में कटौती होगी लेकिन आरबीआई द्वारा रेपो दर को यथास्थिति बनाए रखना एक प्रशंसनीय कदम है. त्योहारी सीजन पास है और उपभोक्ता घर खरीदने की ओर देख रहे हैं. ऐसे में इस क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा बना रहेगा.


  • 15:00 (IST) 06 Oct 2023
    रियल्टी सेक्टर के लिए पॉजिटिव

    अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का भारतीय रिजर्व बैंक का फैसला सराहनीय कदम है. इससे घर खरीदार प्रोजेक्ट्स की तरफ आकर्षित होंगे, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को मुनाफा होगा. रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का निर्णय घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए राहत की खबर है.

    रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि रिप्रोडक्शन को बनाए रखने के लिए आरआरबी के बेंचमार्क सैम्पल्स की आशा के अनुरूप काम चल रहा है. इससे रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलता है और जीवन के हर क्षेत्र से शुभ त्योहारी सीजन में निवेश करने के लिए मिलता है. पिछले कुछ महीनों से दस्तावेज़ 6.50% पर स्थिर हैं, जो नामांकन के बिना जेब पर रखे गए पैकेज के लिए नामांकन के उपाय को चित्रित करता है.

    गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई एनसीआर के अध्‍यक्ष मनोज गौड़ ने बताया क‍ि भले ही रियल एस्टेट सेक्टर को उम्‍मीद थी क‍ि रेपो रेट में कटौती होगी लेकिन आरबीआई द्वारा रेपो दर को यथास्थिति बनाए रखना एक प्रशंसनीय कदम है. त्योहारी सीजन पास है और उपभोक्ता घर खरीदने की ओर देख रहे हैं. ऐसे में इस क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा बना रहेगा.


  • 14:58 (IST) 06 Oct 2023
    लिक्विडिटी पर कड़ी नजर

    बजाज फिनसर्व एसेट मैनेजमेंट के चीफ इन्‍वेस्‍टमेंट ऑफिसर निमेश चंदन का कहना है कि हाल के कुछ हफ्तों में मजबूत मैक्रो इकोनॉमिक डाटा और फेड की टिप्पणी के आधार पर, बाजार इस फैक्‍ट के साथ सामने आया है कि अमेरिका में उच्च ब्‍याज दरें पहले के अनुमान से अधिक समय तक बनी रह सकती हैं. इसकी वजह से रेट हाइक साइकिल पीक पर होने के बाद भी मंदी की असामान्य चाल रेट कर्व में बढ़ती जा रही है. लंबी अवधि के यूएस रीयल यील्‍ड में इस तेज बढ़ोतरी ने गंभीर उलटफेर से कुछ अवधि के प्रीमियम को नॉर्मल कर दिया है. मजबूत यूएस डॉलर, कच्चे तेल की कीमत के लेवल और बैंक ऑफ जापान के यील्‍ड कर्व कंट्रोल के साथ ईएम यील्‍ड के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां भी कुछ हद तक बढ़ गई हैं. अनुमान के मुताबिक मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी द्वारा सर्वसम्मति से ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. भारत में बेहतर मैक्रो इकोनॉमिक स्थिरता दिखाई है. आर्थिक विकास मजबूत बना हुआ है. कोर इनफ्लेशन में नरमी आई है लेकिन फूड इनफ्लेशन का हेडलाइन इनफ्लेशन पर असर पड़ा है. हमारा मानना ​​है कि यह एक शॉर्ट टर्म इश्‍यू हो सकता है. हालांकि, मॉनिटर करना एक महत्वपूर्ण जोखिम है. आरबीआई गवर्नर ने संकेत दिया कि वे सिस्टम में लिक्विडिटी पर कड़ी नजर रख रहे हैं. आरबीआई किसी भी अधिकता को बैलेंस करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर ओएमओ आयोजित करने की संभावना रखता है. जबकि ग्‍लोबल बाजारों में यील्‍ड तेजी से बढ़ी है, भारतीय दरों और करंसी में ऊपर बताए गए कुछ कारणों से कुछ बढ़ोतरी देखी गई है.


  • 14:56 (IST) 06 Oct 2023
    लंबी अवधि के बॉन्ड में आ सकती है तेजी

    मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सीआईओ, फिक्स्ड इनकम, महेंद्र जाजू का कहना है कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और महंगाई के अनुमानों में सिर्फ मामूली बदलाव किया है. गाइडेंस उम्मीद से कहीं अधिक कठोर दिख रहा है. 2-6% की तुलना में 4% इनफ्लेशन टारगेट पर जोर देना और ओपेन मार्केट आपरेशन (OMO) सेल्स की संभावित आवश्यकता बिगड़ रहे ग्लोबल वातावरण पर चिंताओं की ओर इशारा करती है. हालांकि पॉजिटिव यह है कि अब तक, पिछली नीतिगत कार्रवाइयों से कोर इनफ्लेशन में कमी आई है और एक कठोर सिनेरियो यानी परिदृश्य तभी सामने आ सकता है, जब ग्लोबल मैक्रो वातावरण लगातार प्रतिकूल बना रहे. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, लंबी अवधि वाले बॉन्ड की दरों में थोड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि कर्व कुछ हद तक तेज हो गया है. वहीं पिछले कुछ हफ्तों में शॉर्ट टर्म वाले बॉन्ड के रेट्स में पहले ही बढ़ोतरी हो चुकी है.


  • 13:58 (IST) 06 Oct 2023
    गोल्‍ड लोन की लिमिट बढ़ाकर 4 लाख रुपये

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ शहरी सहकारी बैंकों (UCB) में बुलेट रीपेमेंट योजना के तहत गोल्‍ड लोन की मौजूदा लिमिट 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि जिन शहरी सहकारी बैंकों ने 31 मार्च, 2023 तक प्रॉयरिटी सेक्‍टर लेंडिंग के तहत ओवरआल टारगेट और सब टारगेट को पूरा कर लिया है, उन्हें बुलेट रीपेमेंट के तहत गोल्‍ड लोन बॉरोअर्स को यह बढ़ी हुई लिमिट प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी.


  • 11:11 (IST) 06 Oct 2023
    GDP ग्रोथ अनुमान

    आरबीआई ने FY24 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है. वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP अनुमान 6.5%, तीसरी तिमाही के लिए 6%, चौथी तिमाही के लिए 5.7% पर बरकरार रखा है. जबकि Q1FY25 के लिए GDP अनुमान 6.6% पर बरकरार रखा है.


  • 11:09 (IST) 06 Oct 2023
    महंगाई का अनुमान

    FY24 के लिए CPI अनुमान 5.4% पर बरकरार है. वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए CPI अनुमान 6.2% से बढ़ाकर 6.4%, तीसरी तिमाही के लिए CPI अनुमान 5.7% से घटाकर 5.6%, चौथी तिमाही के लिए CPI अनुमान 5.2% पर बरकरार रखा है. वहीं Q1FY25 के लिए भी CPI अनुमान 5.2% पर बरकरार रखा है.


  • 11:07 (IST) 06 Oct 2023
    महंगाई पर फोकस

    आरबीआई का फोकस महंगाई दर को 4 फीसदी पर लाने का है. खुदरा महंगाई के अगले साल 5.2 फीसदी पर आने की उम्मीद है. आरबीआई के अनुसार फूड इनफ्लेशन भी एक मसला है.


  • 10:39 (IST) 06 Oct 2023
    महंगाई 5.4% रहने का अनुमान

    वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीपीआई इनफ्लेशन 5.4% रहने का अनुमान है, दूसरी तिमाही में 6.4%, तीसरी तिमाही में 5.6% और चौथी तिमाही में 5.2% का अनुमान है.


  • 10:38 (IST) 06 Oct 2023
    GDP Growth Prediction

    आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.5% अनुमानित है. अगले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.6% रह सकती है.


  • 10:28 (IST) 06 Oct 2023
    ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती

    आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सख्‍त वित्‍ती आर्थिक हालात और जियोपॉलिटिकल संकट के चलते ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती है. दरों में ट्रांसमिशन का असर अभी बाकी है. Q2 में इंडस्ट्रियल सेक्‍टर में रिकवरी आई है. कंस्‍ट्रक्‍शन गतिविधियां मजबूत हैं. सरकारी कैपेक्‍स सपोर्ट के चलते निवेश का सेंटीमेंट बना हुआ है.


  • 10:27 (IST) 06 Oct 2023
    महंगाई में कमी आने की उम्‍मीद

    आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि सितंबर में महंगाई में कमी आने की उम्‍मीद है. उच्‍च महंगाई दर इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए खतरा है. रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर अर्थव्‍यवस्‍था पर दिख रहा है.


  • 10:27 (IST) 06 Oct 2023
    सभी मेंबर दरों को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में

    आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि एमपीसी के सभी सदस्‍य पॉलिसी दरों को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में थे. आरबीआई ने स्‍टॉन्‍स में भी कोई बदलाव नहीं किया है. 6 में 5 सदस्‍य अकोमेडिटिव रूख बनाए रखने के पक्ष में थे.


  • 10:26 (IST) 06 Oct 2023
    4 बार से ब्याज दरों पर पॉज

    मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच ब्‍याज दरों में लगातार 6 बार इजाफा किया गया था. इसके पहले अगस्त, जून और अप्रैल पॉलिसी में दरों में बदलाव नहीं हुआ था. लेकिन 8 फरवरी 2023 को RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया था. वहीं पिछले साल यानी 2022 में ब्‍याज दरों में 5 बार बढ़ोतरी की गई थी. पिछले साल दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वॉइंट का इजाफा हुआ था. 30 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, अगस्‍त 2002 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था. इस तरह से मई 2022 के बाद से रेपो रेट में 2.75 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी है. मई 2022 के पहले रेपो रेट 4 फीसदी था, जो अब बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है.


Interest Rate Shaktikanta Das Rbi Monetary Policy Review Rbi Inflation