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RBI Monetary Policy Meeting,February 2023: रिजर्व बैंक ने इस साल मई से अबतक छठीं बार ब्याज दरों में इजाफा किया है.
RBI MPC Meet Today: रिजर्व बैंक ने इस साल मई से अबतक छठीं बार ब्याज दरों में इजाफा किया है. महंगाई के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है और रिकवरी में रुकावटआ रही है. ऐसे में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में आज यानी 8 फरवरी 2023 को फिर बढ़ोतरी कर दी है. RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया, जिससे यह 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है. इसके पहले दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वॉइंट, 30 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट, अगस्त 2002 में 50 बेसिस प्वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था.
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FY24: GDP ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर का कहना है कि FY24 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.8 फीसदी संभव है. जबकि FY24 में रियल GDP ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने की संभावना है. FY23 में महंगाई दर 6.7 फीसदी से घटकर 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद है. जबकि FY23 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी से घटकर 5.6 फीसदी पर रहने की उम्मीद है. केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है.
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वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि पिछले करीब 3 साल में विभिन्न चुनौतियों के कारण दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के लिये मॉनेटरी पॉलिसी के स्तर पर चुनौती रही है. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 4 ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया. दास ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति अब इतनी कमजोर नहीं दिख रही है, महंगाई भी धीरे धीरे कम हो रही है. इसलिए कमिटी अब उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में है.
देश में बेहतर हो रही है डिमांड
आरबीआई गवर्नर का कहना है कि देश में आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं. शहरी मांग बढ़ रही है, विशेष रूप से सर्विसेज मसलन ट्रैवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी पर लोगों का खर्च बढ़ रहा है. दास ने कहा कि ग्रामीण मांग में भी सुधार के संकेत हैं. दिसंबर माह के ट्रैक्टर और दोपहिया बिक्री आंकड़ों से यह पता चलता है.
मई 2022 से 6 बार बढ़ा है रेपो रेट
बता दें कि पिछले साल महंगाई के पीक पर पहुंच जाने के बाद से केंद्रीय बैंक ने मई 2022 से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया था. मई से अबतक 6 बार ब्याज दरें बढ़ चुकी हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटेल इनफ्लेशन रिजर्व बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे आ चुकी है. वहीं अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ सुस्त पड़ने की उम्मीद है.
क्या होता है रेपो रेट
रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिसपर कमर्शियल बैंक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. इसमें बढ़ोतरी का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा लोन की मंथली किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी.