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RBI Policy Impact: हायर ग्रोथ का अनुमान बैंकिंग सेक्टर के लिए पॉजिटिव है, इससे आर्थिक गतिविधियों के स्तर में ग्रोथ का संकेत मिलता है, जिससे मजबूत क्रेडिट ग्रोथ होगी. (File Image)
RBI Monetary Policy Review: आरबीआई (RBI) ने अपनी दिसंबर 2023 मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy Review) में ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. हालांकि आरबीआई ने यह भी कहा है कि घरेलू और ग्लोबल डेवलपमेंट पर नजर रहेगी और आगे परिस्थितियों के अनुसार एक्शन लिया जाएगा. फिलहाल यह लगातार 5वीं बार है, जब सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. एक्सपर्ट ने पर्याप्त प्रणालीगत नकदी बनाए रखने के रिजर्व बैंक के कदम को नीति तटस्थता की ओर बढ़ने का संकेत बताया. इसके साथ ही उन्होंने निकट भविष्य में दर में कटौती (RBI Rate Cut) की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से पहले ऐसा संभव नहीं है.
आरबीआई ने महंगाई से लड़ने के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि अब दरों में ढील की कोई गुंजाइश नहीं है. एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि शुक्रवार को आई नीति में यथास्थिति उम्मीद के मुताबिक है, और पिछली नीतियों की तुलना में आरबीआई नकदी प्रबंधन पर कम आक्रामक दिखा है. इसे तटस्थता की ओर बढ़ने के संकेत के रूप में देखा जा सकता है. बरुआ ने कहा कि नकदी का रुख भी महंगाई के पूर्वानुमान के अनुरूप लग रहा है.
महंगाई को लेकर अभी भी अनिश्चितता
इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आरबीआई ग्रोथ को लेकर अधिक उत्साहित है और इस साल के लिए इसे आधा फीसदी बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया गया है, लेकिन महंगाई को लेकर केंद्रीय बैंक इतना आशावादी नहीं है. उन्होंने कहा कि आरबीआई को लगता है कि बार-बार आने वाले फूड इनफ्लेशन के झटकों और जियो-पॉलिटिकल जोखिम के कारण महंगाई की गति में अभी भी काफी अनिश्चितता बनी हुई है.
क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी के अनुसार रेपो दर को भले ही अपरिवर्तित छोड़ दिया गया है, लेकिन जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए वास्तव में इसमें सख्ती हो सकती है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार जीडीपी पूर्वानुमान में 7 फीसदी का संशोधन महत्वपूर्ण है, क्योंकि बाजार से ग्रामीण मांग के मोर्चे पर विपरीत संकेत मिल रहे थे.
बैंकिंग सेक्टर को होगा फायदा
बैंकर्स ने आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी की सराहना करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक के कई उपाय इस बात की पुष्टि करते हैं कि अर्थव्यवस्था स्थिर महंगाई और हायर ग्रोथ रेट के लिए तैयार है. भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि कैलेंडर वर्ष की अंतिम नीतिगत समीक्षा में घोषित उपाय इस बात की पुष्टि करते हैं कि अर्थव्यवस्था स्थिर महंगाई और हायर ग्रोथ रेट के लिए तैयार है. ऐसे में ग्रोथ लगातार तीसरे साल 7 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है. खारा ने कहा कि नकदी से संबंधित उपायों से बैंकों को बेहतर फंड प्रबंधन की सुविधा मिलेगी. उन्होंने यूपीआई के तहत शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीमाएं बढ़ाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यूपीआई का व्यापक उपयोग हो सकेगा.
मजबूत क्रेडिट ग्रोथ
बैंकों के राष्ट्रीय संगठन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चेयरमैन और पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक ए के गोयल ने कहा कि बढ़ते वैश्विक जोखिमों के बावजूद आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी किया है. इससे घरेलू अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का पता चलता है. गोयल ने कहा कि हायर ग्रोथ का अनुमान बैंकिंग सेक्टर के लिए पॉजिटिव है, क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियों के स्तर में ग्रोथ का संकेत मिलता है, जिससे मजबूत क्रेडिट ग्रोथ होगी.