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केंद्रीय बैंक आरबीआई के एमपीसी की बैठक चल रही है जिसके नतीजे कल 5 अगस्त को आएंगे.
केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) के एमपीसी की बैठक चल रही है जिसके नतीजे कल 5 अगस्त को आएंगे. इस बार नीतिगत दरों में आधे फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है. इसे लेकर ब्लूमबर्ग ने 27 अर्थशास्त्रियों पर एक सर्वे किया जिसमें से 13 का मानना है कि आरबीआई रेपो रेट में 50 बीपीएस (0.50 फीसदी) की बढ़ोतरी कर सकता है जिसके बाद यह 5.40 फीसदी पर पहुंच सकता है. यह दर कोरोना महामारी से पहले के स्तर अगस्त 2019 के समय पर था.
एक अर्थशास्त्री के मुताबिक रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट और नौ के मुताबिक 35 बेसिस प्वाइंट और एक के मुताबिक 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हो सकती है. इस बढ़ोतरी के बाद कर्ज की दर कोरोना से पहले के स्तर पर पहुंच सकता है. मई से अब तक आरबीआई ने दो बार में रेपो रेट को 0.90 फीसदी बढ़ाया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) कल सुबह 10 बजे जब मौद्रिक नीतियों का ऐलान करेंगे तो महंगाई दर के अनुमान, रेट हाइक और लिक्विडिटी जैसे अहम बिंदुओं पर फोकस रहेगा.
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महंगाई दर का अनुमान
इस साल की शुरुआत से ही महंगाई दर (इंफ्लेशन) आरबीआई के टारगेट सीलिंग 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. हालांकि अभी कमोडिटी प्राइस में गिरावट है तो आरबीआई यह सुझाव दे सकता है कि दबाव कम हो रहा है. क्वांटमम एसेट मैनेजमेंट में एक फिक्स्ड इनकम फंड मैनेजर पंकज पाठक के मुताबिक आरबीआई का रुख नरम रह सकता है.
डीबीएस बैंक में सीनियर इकनॉमिस्ट राधिका राव का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई महंगाई दर के अनुमान को 6.7 फीसदी और ग्रोथ प्रोजेक्शंस को 7.2 फीसदी पर फिक्स कर सकता है. देश के चावल उत्पादक हिस्सों में बारिश की कमी के चलते उत्पादन प्रभावित हो सकता है और महंगाई के खिलाफ आरबीआई की लड़ाई पर इसका असर दिख सकता है.
रेट हाइक
रेट हाइक को लेकर आरबीआई नरमी बरत सकता है लेकिन अर्थशास्त्रियों के मुताबिक पीक पॉलिसी रेट यानी टर्मिनल रेट पूर्व के अनुमान से काफी पहले पहुंच सकता है. बार्सलेज के इकनॉमिस्ट राहुल बजोरिया के मुताबिक सितंबर तक नीतिगत दरें 5.5 फीसदी पहुंचने का अनुमान है जबकि पहले इस स्तर तक अगले साल 2023 के मध्य तक पहुंचाने का अनुमान था. बजोरिया ने टर्मिनल रेट का अनुमान 5.75 फीसदी का लगाया है.
रुपये, लिक्विडिटी
हालिया महीनों में रुपये ने कई बार निचला स्तर छुआ और जुलाई में यह एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 रुपये के भाव तक फिसल गया. हालांकि इसके बाद विदेशी निवेशकों की आवक से रुपया मजबूत हुआ. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के मुख्य अर्थशास्त्री प्रसन्ना अनंतसुब्रमण्यन का कहना है कि आरबीआई को अमेरिका के साथ ब्याज दरों के फासले पर ध्यान रखना चाहिए ताकि रुपये पर किसी भी स्पेक्यूलेटिव दबाव को बनने से रोका जा सके. इसके अलावा बाजार को आरबीआई से उम्मीद है कि पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहेगी.