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जुलाई 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर रही और अभी भी यह केंद्रीय बैंक आरबीआई के तय दायरे की ऊपरी लिमिट 6 फीसदी से ऊपर है.
Retail Inflation: खाने-पीनों की चीजों और तेल के भाव में धीमी बढ़ोतरी के चलते पिछले महीने जुलाई 2022 में खुदरा महंगाई दर (रिटेल इंफ्लेशन) में नरमी आई. सरकार आंकड़े के मुताबिक पिछले महीने खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर थी. इससे पिछले महीने जून 2022 में रिटेल इंफ्लेशन 7.01 फीसदी पर थी . हालांकि सालाना आधार पर अभी भी खुदरा महंगाई दर में उछाल रही क्योंकि पिछले साल जुलाई 2021 में यह 5.51 फीसदी पर थी. ये आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने आज 12 अगस्त को जारी किया.
रिटेल इंफ्लेशन अभी भी RBI के तय दायरे से ऊपर
जुलाई 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर रही और अभी भी यह केंद्रीय बैंक आरबीआई के तय दायरे की ऊपरी लिमिट 6 फीसदी से ऊपर है. चालू वित्त वर्ष 2022-23 के शुरुआती तीन महीनों में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित रिटेल इंफ्लेशन सात फीसदी से ऊपर थी लेकिन फूड इंफ्लेशन में गिरावट के चलते पिछले महीने यह सात फीसदी से नीचे फिसली. पिछले महीने फूड इंफ्लेशन जून में 7.75 फीसदी की तुलना में फिसलकर जुलाई 2022 में 6.75 फीसदी पर आ गई.
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एक्सपर्ट्स व्यू
कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज के मुताबिक फूड इंफ्लेशन में नरमी के चलते जुलाई में उम्मीद के मुताबिक ही खुदरा महंगाई दर में नरमी दिखी लेकिन कोर इंफ्लेशन अभी भी ऊंची बनी हुई है.भारद्वाज के मुताबिक जनवरी 2023 तक खुदरा महंगाई दर आरबीआई के तय दायरे की ऊपरी सीमा 6 फीसदी से ऊपर बने रहने के आसार दिख रहे हैं. भारद्वाज का अनुमान है कि इस साल के आखिरी तक रेपो रेट 6 फीसदी पर पहुंच सकता है.
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि बेस इफेक्ट के चलते अगले दो महीने सीपीआई इंफ्लेशन में उछाल दिख सकती है. नायर का अनुमान है कि सितंबर 2022 में एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट में 10-35 बीपीएस (0.10 फीसदी-0.35 फीसदी) की बढ़ोतरी हो सकती है. नायर का मानना है कि इसके बाद आंकड़ों के हिसाब से फैसला होगा.
(Input: Reuters)