/financial-express-hindi/media/post_banners/SeThOphFvje9FcQvkeSy.jpg)
CPI inflation breaches RBI's comfort zone : देश में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर 6 फीसदी के दायरे से ऊपर चली गई है. (File Photo)
CPI inflation breaches RBI's comfort zone in January : कीमतों में बढ़ोतरी के मोर्चे पर बुरी खबर है. देश में रिटेल इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई की दर एक बार फिर 6 फीसदी के पार चली गई है. जनवरी 2023 में देश का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 6.52 फीसदी हो गया है, जो पिछले तीन महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे पहले दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई की दर 5.72 फीसदी पर थी, जबकि जनवरी 2022 में यह दर 6.01 फीसदी थी. इससे पहले अक्टूबर 2022 में रिटेल इंफ्लेशन 6.77 फीसदी तक चला गया था.
खाने-पीने की चीजों के खुदरा दामों में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिसंबर 2022 में फूड इंफ्लेशन 4.19 फीसदी था, जो जनवरी 2023 में तेजी से बढ़कर 5.94 फीसदी पर जा पहुंचा. भारत सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को देश में खुदरा महंगाई की दर को 4 फीसदी के भीतर रखने का लक्ष्य दिया है, जिसके ऊपर या नीचे 2 फीसदी का टॉलरेंस लेवल भी दिया गया है. यानी आरबीआई को हर हाल में महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के भीतर रखना होता है. लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान सिर्फ नवंबर और दिसंबर 2022 में ही रिजर्व बैंक इस लक्ष्य को हासिल कर पाया है. रॉयटर्स के 44 अर्थशास्त्रियों के पोल में जनवरी के दौरान खुदरा महंगाई दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया था. लेकिन सोमवार को जारी रिटेल इंफ्लेशन के ताजा आंकड़े इस अनुमान से काफी ऊपर रहे हैं.
ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहने की आशंका
कोटक महिंद्रा बैंक की चीफ इकॉनमिस्ट उपासना भारद्वाज का कहना है कि जनवरी के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. साथ ही कोर इंफ्लेशन भी ऊंचे स्तर पर बना हुआ है. खाने-पीने की चीजों के दाम भी तेजी से बढ़े हैं. उनका कहना है कि इन आंकड़ों की वजह से बाजार में बेचैनी बढ़ेगी, क्योंकि इससे आरबीआई ब्याज दरें बढ़ाने के मामले में और भी आक्रामक रुख अपना सकता है. उपासना भारद्वाज का मानना है कि जनवरी में महंगाई दर के ऊंचे स्तर को देखते हुए इस बात की आशंका काफी बढ़ गई है कि रिजर्व बैंक अप्रैल में भी ब्याज दरों में और 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है.
7.4% से ज्यादा हो सकती है 10 साल के बॉन्ड की यील्ड
एचडीएफसी बैंक की प्रिंसिपल इकॉनमिस्ट साक्षी गुप्ता का भी मानना है कि महंगाई दर के ताजा आंकड़ों ने अप्रैल 2023 में ब्याज दरें एक बार फिर से बढ़ाने जाने की संभावना को और मजबूत कर दिया है. इससे यह भी पता चलता है कि महंगाई का खतरा अभी टला नहीं है और नवंबर-दिसंबर 2022 के दौरान कीमतों में आई नरमी स्थायी नहीं थी. साक्षी गुप्ता का मानना है कि रिटेल इंफ्लेशन के ताजा आंकड़ों की वजह से 10 साल के बॉन्ड की यील्ड बढ़कर 7.4% से ज्यादा होने के आसार हैं.