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मौजूदा कारोबारी साल के दौरान रुपये में अब तक करीब 9 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
Dollar to Rupee Exchange Rate Today: भारतीय करेंसी हर रोज गिरावट के नए रिकॉर्ड तोड़ रही है. शुक्रवार को रुपये ने 15 पैसे की गिरावट के साथ निचले स्तर पर बंद होने का एक नया रिकॉर्ड बना डाला. एक अमेरिकी डॉलर शुक्रवार को 82.32 रुपये पर बंद हुआ, जो देश की करेंसी के लिए अब तक का सबसे निचला बंद भाव है. इससे पहले गुरुवार को रुपया देश के इतिहास में पहली बार 82 के नीचे बंद हुआ था. रुपये में इस गिरावट के लिए निवेशकों के जोखिम से बचने की कोशिश को जिम्मेदार माना जा रहा है. मौजूदा कारोबारी साल के दौरान रुपये में अब तक करीब 9 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
विदेशी मुद्रा बाजार के कारोबारियों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार के निगेटिव ट्रेंड और कच्चे तेल के ऊंचे भाव की वजह से निवेशकों के हौसले पस्त नजर आ रहे हैं, जिसका असर रुपये पर भी पड़ रहा है. इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 82.19 पर खुलने के बाद दिन के कारोबार में 82.43 तक जा गिरा. शाम तक कुछ संभलने के बावजूद यह 82.32 पर बंद हुआ जो अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले अब तक का सबसे निचला स्तर है. गुरुवार को रुपया 55 पैसे गिरकर 82.17 पर बंद हुआ था.
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क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
जानकारों का कहना है कि रुपये में कमजोरी का सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है. उनका मानना है कि निकट भविष्य (near term) में रुपये पर दबाव बना रहेगा. देश के बढ़ते व्यापार घाटे के अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की आशंका को एक्सपर्ट इस गिरावट के लिए जिम्मेदार मानते हैं. चिंता की बात यह भी है कि भारतीय मुद्रा में यह गिरावट तब देखने को मिली है, जब दुनिया के 6 देशों की करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति का संकेत देने वाला डॉलर इंडेक्स 0.19 फीसदी गिरकर 112.04 पर आ गया है.
85 का स्तर भी छू सकता है रुपया : रानेन बनर्जी
PwC इंडिया के इकनॉमिक एडवाइजरी सर्विस पार्टनर रानेन बनर्जी ने पीटीआई से कहा कि डॉलर इंडेक्स की मजबूती, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और यूरोप व अमेरिका में डिमांड की कमजोरी और भविष्य में हालात बदलत होने की आशंका के चलते रुपये पर दबाव बना रहेगा. उनका यह भी कहना है कि कई और देशों की करेंसी में रुपये से भी ज्यादा गिरावट आने का भारतीय एक्सपोर्ट पर बुरा असर पड़ रहा है. बनर्जी का कहना है कि अगर क्रूड में तेजी जारी रही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर और 75 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दी और यूक्रेन का संकट गहराया तो डॉलर के मुकाबले रुपया शॉर्ट टर्म में ही 85 का अगला मनोवैज्ञानिक स्तर भी छू सकता है.
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नियर टर्म में 83.50 तक गिरने की आशंका : दिलीप परमार
एचडीएफसी सिक्योरिटीज़ के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने पीटीआई से कहा कि रुपये में गिरावट का ट्रेंड बने रहने के आसार हैं और यह नियर टर्म में 83.50 की तरफ बढ़ सकता है. उनका कहना है कि अगर रुपया मजबूत होकर डॉलर के मुकाबले 80.70 के ऊपर चला गया, तभी यह रुझान बदल सकता है. हालांकि मोतीलाल ओसवाल के फॉरेक्स एंड बुलियन एनालिस्ट गौरांग सोमैया को उम्मीद है कि डॉलर के मुकाबले रुपया 81.80 से 82.50 के बीच बना रहेगा.