scorecardresearch

S&P; India forecast: एस एंड पी का ताजा अनुमान, 6% रहेगी भारत की विकास दर, खुदरा महंगाई दर 5.5% रहने के आसार

S&P FY24 growth forecast: एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती, कमजोर मानसून और रेट हाइक के देर से पड़ने वाले असर को बताया विकास दर में सुधार न होने की वजह.

S&P FY24 growth forecast: एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती, कमजोर मानसून और रेट हाइक के देर से पड़ने वाले असर को बताया विकास दर में सुधार न होने की वजह.

author-image
Viplav Rahi
New Update
S&P India forecast, S and P Global, India FY24 growth, slowing world economy, subnormal monsoon, rate hike, एस एंड पी, भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान, भारत की विकास दर, मानसून, रेट हाइक

S&P; FY24 growth forecast: मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारत की विकास 6% और खुदरा महंगाई दर 5.5% रहने का अनुमान है. यह दावा अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में किया है. (File Photo : Reuters)

S&P retains India's FY24 growth forecast at 6% : दुनिया की जानी मानी रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भारत के विकास दर अनुमान में कोई सुधार नहीं किया है. एजेंसी के सोमवार को जारी ताजा अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की विकास दर 6 फीसदी पर ही बने रहने के आसार हैं. अमेरिकी एजेंसी ने विकास दर में कोई सुधार नहीं होने के लिए अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती, कमजोर मानसून और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के देर से पड़ने वाले असर को जिम्मेदार बताया है.

खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी का अनुमान

एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स का मानना है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान सब्जियों की कीमतों में आया उछाल अस्थायी है. लेकिन दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह एजेंसी ने पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत में खुदरा महंगाई दर (retail inflation) के अनुमान को 5 फीसदी से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया है.

कमजोर ग्रोथ के बावजूद आउटलुक फेवरेबल

Advertisment

एस एंड पी ने अपनी ताजा रिपोर्ट ‘इकनॉमिक आउटलुक फॉर एशिया पैसिफिक (Economic Outlook for Asia Pacific Q4 2023) में कहा है, “2022 के मुकाबले इस साल ग्रोथ के कमजोर रहने की आशंका है, फिर भी आउटलुक फेवरेबल बना हुआ है. जून तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में भले ही मजबूती देखने को मिली हो, लेकिन मार्च 2024 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष के दौरान हम अपने विकास दर अनुमान में कोई सुधार नहीं कर रहे हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था का धीमा पड़ना, ब्याज दरों में बढ़ोतरी का देर से पड़ने वाला दुष्प्रभाव और मानसून का सामान्य से कमजोर रहना, इसकी प्रमुख वजहें हैं.”

Also read : Delta Corp का मार्केट कैप 3900 करोड़, सरकार ने थमाया 16,822 करोड़ का टैक्स नोटिस, शेयर 20% टूटा

वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में 6.9% रहेगी ग्रोथ

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को 6 प्रतिशत पर बरकरार रखने के साथ ही एस एंड पी ने यह भी कहा कि उसके बाद 2024-25 और 2025-26 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 6.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने के आसार हैं. मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 7.2 प्रतिशत रही थी. एस एंड पी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जून तिमाही के दौरान भारत में उपभोग यानी खपत में हुई बढ़ोतरी (consumption growth) और पूंजीगत खर्च (capital expenditure) की ग्रोथ भी काफी मजबूत रही है.

Also read : JSW Infra IPO: आकर्षक वैल्युएशन के साथ 13 साल बाद आया इस ग्रुप का आईपीओ, 119 रु के शेयर पर ब्रोकरेज लगा रहे हैं दांव

एस एंड पी का कहना है कि पूरा एशिया पैसिफिक रीजन ग्रोथ के लिहाज से कई अलग-अलग ग्रोथ रेट में बंटा हुआ है. एजेंसी का अनुमान है कि 2023 में इस पूरे क्षेत्र की औसत ग्रोथ रेट 3.9 फीसदी रहने के आसार हैं. एजेंसी के मुताबिक इस क्षेत्र में भारत एक बार फिर सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

Sp Retail Inflation Inflation Gdp Growth