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AIFTP के चेयरमैन ने अनुपालन (compliance) को सुगम बनाने के लिए टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
डायरेक्ट टैक्स प्रोफेशनल्स की एक बॉडी ने सरकार से आगामी बजट में आम लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने की डिमांड की है. ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP) के चेयरमैन नारायण जैन ने रविवार को कहा कि सरकार को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना चाहिए. उन्होंने अनुपालन (compliance) को सुगम बनाने के लिए टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. जैन कलकत्ता सिटीजंस इनिशिएटिव के भी अध्यक्ष हैं.
ये है डिमांड
वित्त मंत्री को दिए अपने ज्ञापन में नारायण जैन ने कहा है कि पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 फीसदी, 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के लिए 20 फीसदी और 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 25 फीसदी कर लगाया जाए. उन्होंने सरचार्ज (surcharge) और सेस (cess) को खत्म करने की वकालत करते हुए कहा कि इन्हें जारी रखना उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार पर्याप्त रूप से यह नहीं बताती है कि शिक्षा उपकर यानी एजुकेशन सरचार्ज का उपयोग कैसे किया जाता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सरकार का मौलिक कर्तव्य है. ज्ञापन में अस्पष्ट नकद क्रेडिट, लोन, निवेश और खर्च पर धारा 115BBE के तहत टैक्स रेट का भी उल्लेख किया गया है, जिसे नोटबंदी के दौरान बढ़ाकर 75 फीसदी और सेस कर दिया गया था. जैन ने इस दर को मूल 30 फीसदी पर वापस लाने की वकालत की है.