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सरकार ने ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप’ को दी मंजूरी, अब बिना झंझट के 10 करोड़ रुपये तक का लोन

केन्द्र सरकार द्वारा इस स्कीम को लागू करने के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाएगा, जो लोन के डिफॉल्ट होने पर लोन देने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी को भुगतान की गारंटी देगा.

केन्द्र सरकार द्वारा इस स्कीम को लागू करने के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाएगा, जो लोन के डिफॉल्ट होने पर लोन देने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी को भुगतान की गारंटी देगा.

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FE Hindi Desk
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इस स्कीम के तहत 12 महीने से स्टेबल रेवेन्यू जनरेट करने वाले स्टार्टअप को 10 करोड़ रूपये तक का बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा.

केन्द्र सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मकसद से क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप (Credit Guarantee Scheme for Startups) योजना को अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार की ओर से इसे लेकर नोटिफेकेशन जारी कर दिया गया है. इस स्कीम के तहत स्टार्टअप की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार स्टार्टअप को एक तय अवधि के लिए कोलैटरल फ्री (collateral-free loans) यानी बिना गारंटी के लोन उपलब्ध करायेगी. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर ट्रेड (DPIIT) ने बताया है कि इस स्कीम के तहत अब 6 अक्टूबर से पहले के पेंडिंग पड़े स्टार्टअप लोन एप्लीकेशन को अप्रूव्ड हो जाएंगे.

12 महीने से स्टेबल रेवेन्यू जनरेट करने वाले स्टार्टअप को मिलेगा लाभ

इस स्कीम के तहत सिर्फ उन स्टार्टअप को लोन दिया जाएगा, जो कम से कम एक साल यानी 12 महीने से स्टेबल रेवेन्यू जनरेट कर रहे हैं. यानी यह बिना गारंटी का लोन सिर्फ उन स्टार्टअप को दिया जाएगा, जो लोन को वापस करने की स्थिति में हैं. इस स्कीम का फायदा लोन डिफॉल्टर स्टार्टअप को नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही आरबीआई के निर्देशों को अनुसार नॉन परफॉर्मिंग एसेट वाले स्टार्टअप भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे.

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DPIIT के मुताबिक लोन लेने वाले हर स्टार्टअप का अधिकतम गारंटी कवर 10 करोड़ रुपये होगा. यह क्रेडिट राशि किसी अन्य गारंटी योजना के तहत कवर नहीं की जा सकेगी. इस योजना के तहत बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट, एनबीएफसी और एआईएफ सरकार द्वारा बनाये जाने वाले ट्रस्ट या संस्था के माध्यम से स्टार्टअप को लोन दे सकेंगी.

ट्रस्ट का होगा निर्माण

केन्द्र सरकार द्वारा इस स्कीम को लागू करने के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाएगा. इस ट्रस्ट का प्रबंधन नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के बोर्ड द्वारा किया जाएगा. इस ट्रस्ट की सबसे बड़ी जिम्मेदारी स्टार्टअप को दिए गए लोन के डिफॉल्ट होने पर लोन देने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी को भुगतान की गारंटी देना है.

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पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार की ओर से स्टार्टअप्स को काफी सपोर्ट दिया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि अब तक 100 से ज्यादा स्टार्टअप यूनिकॉर्न हो चुके हैं. स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर होने पर इन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है. सरकार ने देश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए आगामी 5 से 6 साल में दस हजार से ज्यादा स्टार्टअप को जेनेसिस कार्यक्रम के तहत इंसेंटिव देने का लक्ष्य रखा है.

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