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MPS Norms: 5 पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार घटाएगी हिस्सेदारी, लिस्ट में UCO Bank और IOB सहित ये नाम

Public Sector Bank: बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और यूको बैंक (UCO Bank) सहित 5 सरकारी बैंक सरकार की हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाने की योजना बना रहे हैं.

Public Sector Bank: बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और यूको बैंक (UCO Bank) सहित 5 सरकारी बैंक सरकार की हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाने की योजना बना रहे हैं.

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Sushil Tripathi
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5 PSU Bank to Reduce Govt Stake

SEBI Rules: सेबी के अनुसार, सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए पब्लिक शेयर होल्डिंग नियमों का अनुपालन जरूरी है. (Pixabay)

Minimum Public Shareholding Norms: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग (Minimum Public Shareholding Pattern) मानदंडों का अनुपालन करने के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और यूको बैंक (UCO Bank) सहित 5 सरकारी बैंक (PSU Bank) सरकार की हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसदी से नीचे लाने की योजना बना रहे हैं. फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी ने यह जानकारी दी है. पब्लिक सेक्टर के कुल 12 बैंकों (PSBs) में से 4 बैंक 31 मार्च, 2023 तक मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग नियमों का अनुपालन कर चुके हैं। 

किस बैंक में सरकार की कितनी हिस्सेदारी

जोशी ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में तीन और पीएसबी ने न्यूनतम 25 फीसदी पब्लिक शेयर होल्डिंग का अनुपालन पूरा कर लिया है. शेष 5 सरकारी बैंकों ने एमपीएस मानदंडों को पूरा करने के लिए कार्य योजना बनाई हैं. फिलहाल दिल्ली स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 98.25 फीसदी है. चेन्नई के इंडियन ओवरसीज बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 96.38 फीसदी, यूको बैंक में 95.39 फीसदी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 93.08 फीसदी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 86.46 फीसदी है.

अगस्त, 2024 तक का समय

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार, सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए पब्लिक शेयर होल्डिंग नियमों का अनुपालन जरूरी है. हालांकि, नियामक ने सरकारी बैंकों को विशेष छूट दी है. उनके पास 25 फीसदी पब्लिक शेयर होल्डिंग के नियम को पूरा करने के लिए अगस्त, 2024 तक का समय है. जोशी ने कहा कि बैंकों के पास हिस्सेदारी कम करने के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) या पात्र संस्थागत नियोजन शामिल हैं.

गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की समीक्षा

उन्होंने कहा कि बाजार की स्थिति के आधार पर इनमें से हर बैंक के शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में निर्णय लेगा. बिना कोई समयसीमा बताए उन्होंने कहा कि इस अनिवार्यता को पूरा करने के प्रयास जारी हैं. जोशी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने सभी पीएसबी को अपने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की समीक्षा करने का निर्देश दिया है, क्योंकि सरकार के समक्ष नियामकीय मानदंडों का अनुपालन न करने के मामले आए हैं. वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को पत्र लिखकर उनसे गोल्ड लोन से संबंधित अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं पर गौर करने को कहा है. 

Minimum Public Shareholding Pattern PSU Bank