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अप्रैल-जून 2020 यानी कोरोना महामारी के दौरान शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 20.9% तक चली गई थी.
CMIE Data for Q1FY23 : बेरोजगारी के मोर्चे पर अच्छी खबर है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में शहरी बेरोजगारी की दर में लगातार तीसरे महीने गिरावट देखने को मिली है. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2022 के दौरान शहरी देश में हर उम्र के लोगों के लिए शहरी बेरोजगारी की दर 7.6 फीसदी रही. शहरी बेरोजगारी की यह दर अप्रैल में 9.22%, मई में 8.21% और जून 2022 में 7.3% रही थी.
अप्रैल-जून 2022 के आंकड़ों की तुलना पिछले साल की इसी तिमाही से करने पर भी बेरोजगारी के मामले में पॉजिटिव ट्रेंड नजर आ रहा है. अप्रैल-जून 2021 के दौरान देश में हर उम्र के लोगों के लिए शहरी बेरोजगारी की दर 12.7 फीसदी रही थी. जनवरी-मार्च 2022 में यह दर 7.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी. बेरोजारी के ये आंकड़े कोरोना महामारी के दौर के मुकाबले तो काफी बेहतर हैं, जब देश भर में पूरी तरह से लॉकडाउन होने के कारण अप्रैल-जून 2020 में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 20.9 फीसदी पर पहुंच गई थी.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा हर तीन महीनों में जारी किये जाने वाले लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन सर्वे के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2022 के दौरान शहरी क्षेत्र में रहने वाले 15-29 आयु वर्ग के करीब 18.9 फीसदी युवा बेरोजगार थे. हालांकि एक साल पहले की इसी अवधि में यानी अप्रैल-जून 2021 में यह दर 25.5 फीसदी और जनवरी-मार्च में 2022 में 20.2 फीसदी से कम थी.
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रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-जून 2022 की अवधि के दौरान सभी उम्र के शहरी पुरुषों के लिए बेरोजगारी की दर 7.1 फीसदी थी. जबकि महिलाओं में यह दर 9.5 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई. सबसे ज्यादा 12.8% बेरोजगारी दर राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में देखने को मिली. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 15-29 आयु वर्ग में सबसे ज्यादा 23.9% बेरोजगारी दर शहरी महिलाओं में दर्ज की गई.