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WPI June 2022 Data: जून में 15.18% रही थोक महंगाई दर, लगातार 15वें महीने 10% से ऊपर

देश में थोक महंगाई दर अप्रैल 2021 से जून 2022 के दौरान लगातार 10% से ऊपर बनी रही. ICRA के मुताबिक जुलाई 2022 में इसके घटकर 13% पर आने की उम्मीद है.

देश में थोक महंगाई दर अप्रैल 2021 से जून 2022 के दौरान लगातार 10% से ऊपर बनी रही. ICRA के मुताबिक जुलाई 2022 में इसके घटकर 13% पर आने की उम्मीद है.

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FE Hindi Desk
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Wholesale price inflation eases in June but stays in double digits

पिछले महीने जून 2022 में खाने की चीजों के भाव में तेजी के बावजूद थोक भाव पर आधारित महंगाई दर में नरमी आई. मैन्यूफैक्चर्ड और फ्यूल आइटम्स की कीमतों में गिरावट के चलते इसे सपोर्ट मिला. (File Image- IE)

WPI June 2022 Data: जून 2022 में देश की थोक महंगाई दर (WPI Inflation) 15.18 फीसदी के बेहद ऊंचे स्तर पर रही. उसके पिछले महीने यानी मई 2022 में थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर रही थी. यानी जून के महीने में थोक महंगाई में मई के मुकाबले मामूली नरमी तो आई है, लेकिन यह अब भी बहुत ऊंचे स्तर पर बनी हुई है. इसके मुकाबले पिछले साल जून 2021 में WPI 12.07 फीसदी रही थी.

गुरुवार को आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक खाने-पीने की चीजों के भावों में तेजी के बावजूद थोक भाव पर आधारित महंगाई दर (WPI Inflation) में आई मामूली गिरावट की बड़ी वजह मैन्यूफैक्चर्ड आइटम्स और फ्यूल की कीमतों में गिरावट है.

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लगातार 15वें महीने 10 फीसदी से ऊंची दर

थोक महंगाई दर में लगातार तीन महीने से जारी तेजी का दौर जून में थमा तो जरूर है, लेकिन इसका ऊंचा स्तर अब भी चिंता की वजह बना हुआ है. दरअसल, अप्रैल 2021 से जून 2022 तक, यानी लगातार 15वें महीने थोक महंगाई दर 10 फीसदी से ऊपर के स्तर पर टिकी हुई है. आंकड़ों के अनुसार जून 2022 में खाने-पीने की चीजों के थोक भाव 14.39 फीसदी की दर से बढ़े. जबकि सब्जियों के थोक भाव पिछले महीने 56.75 फीसदी, आलू के 39.38 प्रतिशत और फलों के 20.33 फीसदी की दर से बढ़े. फ्यूल और पावर बॉस्केट के थोक भाव 40.38 फीसदी, मैन्यूफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स में 9.19 फीसदी, तिलहन में 2.74 फीसदी बढ़े. कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस में तो इसी दौरान 77.29 फीसदी की भयानक उछाल देखने को मिली है.

CPI Inflation Data: जून में 7.01% रही खुदरा महंगाई दर, मामूली गिरावट के बावजूद लगातार छठे महीने 6% से ऊपर

जुलाई 2022 में 13% रह सकती है थोक महंगाई दर : ICRA

भारतीय रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) की चीफ इकॉनमिस्ट अदिति नायर के मुताबिक जून 2022 में मिनरल्स और बेसिक मेटल्स की कीमतों में मंथ-ऑन-मंथ बेसिस पर अच्छा खासा करेक्शन देखने को मिला है. उनका मानना है दुनिया भर में मंदी की आशंका के कारण कमोडिटी की कीमतों में गिरावट इसकी बड़ी वजह है. अदिति नायर का अनुमान है कि कमोडिटी और फ्यूल प्राइसेस में सारी दुनिया में हो रहे करेक्शन और घरेलू बाजार में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी के चलते जुलाई 2022 में थोक महंगाई दर घटकर 13 फीसदी पर आ सकती है.

इक्रा की चीफ इकॉमिस्ट का यह भी मानना है कि अगले दो क्रेडिट पॉलिसी रिव्यू के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में 60 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है. जिससे सितंबर 2022 तक रेपो रेट बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच जाएगा.

खुदरा महंगाई दर भी घटी लेकिन लगातार छठे महीने 6% से ऊपर

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) यानी खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भी एक दिन पहले यानी बुधवार को ही जारी हुए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक जून के महीने में रिटेल इंफ्लेशन मामूली गिरावट के साथ 7.01 फीसदी रहा है. कंज्यूमर प्राइस पर आधारित खुदरा महंगाई दर (CPI) इसके पहले मई 2022 में 7.04 प्रतिशत थी, जबकि जून 2021 में यह 6.26 प्रतिशत थी. यानी आम लोगों को बेहाल करने में वाली महंगाई में बेहद मामूली कमी आई है, लेकिन यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लिए निर्धारित 6 फीसदी के लक्ष्य से अब भी काफी ऊपर है.

(इनपुट: पीटीआई)

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