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ब्‍याज दरों में जल्‍द होगी कटौती? मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी में कर्ज घटाने को लेकर उठने लगी आवाजें

Members in Favour of Rate Cut : एमपीसी की बैठक के बयान के अनुसार डॉ. आशिमा गोयल और प्रो. जयंत आर वर्मा ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के लिए मतदान किया. जबकि 4 मेंबर रेट को यथावत रखने के पक्ष में रहे.

Members in Favour of Rate Cut : एमपीसी की बैठक के बयान के अनुसार डॉ. आशिमा गोयल और प्रो. जयंत आर वर्मा ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के लिए मतदान किया. जबकि 4 मेंबर रेट को यथावत रखने के पक्ष में रहे.

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Sushil Tripathi
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rate cut demand in MPC

Repo Rate unchanged : आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा में लगातार 8वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. (PTI)

RBI may cut repo rate soon : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ब्याज दर निर्धारण समिति (RBI MPC) में नीतिगत रेपो रेट में कटौती को लेकर आवाजें उठ रही हैं. समिति के एक सदस्य जयंत आर वर्मा लंबे समय से प्रमुख नीतिगत दर में कम से कम 0.25 फीसदी की कटौती की वकालत कर रहे हैं. अब समिति की बाहरी सदस्य आशिमा गोयल भी इस मांग में शामिल हो गई हैं.  मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी मीटिंग में एक बार फिर रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने के पक्ष में मतदान किया है. हालांकि, इस बार समिति के 6 में से 2 सदस्यों ने ब्याज दर में कटौती की वकालत की है.

केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एमपीसी की बैठक के बयान के अनुसार डॉ. शशांक भिडे, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. माइकल देवव्रत पात्रा और शक्तिकान्त दास ने नीतिगत रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया. वहीं डॉ. आशिमा गोयल और प्रो. जयंत आर वर्मा ने नीतिगत रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के लिए मतदान किया. गोयल, वर्मा और भिड़े एमपीसी के बाहरी सदस्य हैं. रंजन, पात्रा और दास रिजर्व बैंक के अधिकारी हैं. 

रेपो रेट में कटौती का उठ चुका है मामला

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फरवरी, 2024 और दिसंबर, 2023 की एमपीसी बैठकों में वर्मा ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का मामला उठाया था. इस बार गोयल भी इसमें शामिल हुईं और उन्होंने दर में कटौती के लिए मत दिया. ब्याज दरों में कटौती की वकालत करने वाले दो सदस्यों की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब स्विट्जरलैंड, स्वीडन, कनाडा और यूरो क्षेत्र जैसी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के कुछ केंद्रीय बैंकों ने 2024 के दौरान ब्याज दरों में नरमी बरतने का दौर शुरू कर दिया है. दूसरी ओर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बाजार उम्मीदें अब कम हो गई हैं.

घरेलू माहौल देखकर निर्णय

मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एक राय यह है कि मॉनेटरी पॉलिसी के मामले में रिजर्व बैंक ‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व का अनुसरण करें’ के सिद्धांत से निर्देशित होता है. दास ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि हम इस बात पर नजर रखते हैं कि दूर क्षितिज पर बादल बन रहे हैं या छंट रहे हैं, लेकिन हम स्थानीय मौसम और पिच की स्थिति के अनुसार ही खेल खेलते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में, जहां हम विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मॉनेटरी पॉलिसी का भारतीय बाजारों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करते हैं, हमारी कार्रवाइयां मुख्य रूप से घरेलू लेवल पर ग्रोथ और महंगाई की स्थिति और आउटलुक से निर्धारित होती हैं.

रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार आठवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 फीसदी पर कायम रखा. महंगाई को टिकाऊ आधार पर चार फीसदी के स्तर पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है. इसके साथ ही एमपीसी सदस्यों ने रिटेल महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप लाने के लिए उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय पर भी कायम रहने का फैसला किया है.

Repo Rate RBI MPC