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थोक भाव पर आधारित महंगाई दर लगातार 13वें महीने दोहरे अंकों में रही और अप्रैल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई. (Image- IE)
WPI Inflation: थोक भाव पर आधारित महंगाई दर अप्रैल में लगातार 13वें महीने दोहरे अंकों में रही और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई. खाने के सामान से लेकर कमोडिटीज के बढ़ते भाव के चलते अप्रैल 2022 में थोक महंगाई दर (WPI Inflation) 15.08 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर था. इसके पिछले महीने मार्च 2020 में यह 14.55 फीसदी और पिछले साल अप्रैल 2021 में 10.74 फीसदी पर थी. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के मुताबिक खनिज चेल, बेसिक मेटल, क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, खाने के सामान और रसायनों इत्यादि के ऊंची कीमतों के चलते अप्रैल 2022 में महंगाई दर में उछाल रही.
लगातार 13वें महीने थोक महंगाई दर दोहरे अंकों में
थोक महंगाई दर पिछले महीने लगातार 13वें महीने दोहरे अंकों में रही. पिछले साल अप्रैल में यह 10.74 फीसदी पर थी और उसके बाद से लगातार यह दोहरे अंकों में बनी हुई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड ऊंचाई 15.08 फीसदी पर पहुंच गई.
- सब्जियों, गेहूं, फल और आलू की कीमतें अप्रैल में सालाना आधार पर तेजी से बढ़ी जिसके चलते फूड आर्टिकल्स का इंफ्लेशन पिछले महीने 8.35 फीसदी रहा.
- तेल और बिजली की बात करें तो इसमें 38.66 फीसदी का इंफ्लेशन जबकि मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के लिए 10.85 और तिलहनों का 16.10 फीसदी इंफ्लेशन रहा.
- क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के लिए अप्रैल में इंफ्लेशन 69.07 फीसदी रहा.
Retail Inflation: कीमतों ने तोड़ा 8 साल का रिकॉर्ड, अप्रैल में 7.79% पर पहुंची खुदरा महंगाई दर
खुदरा महंगाई दर RBI के तय लिमिट से ऊपर
पिछले हफ्ते अप्रैल महीने के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी हुए थे. इसके मुताबिक अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर थी जो आठ साल का रिकॉर्ड स्तर है. इसके अलावा यह लगातार चौथा महीना रहा जब खुदरा महंगाई दर केंद्रीय बैंक आरबीआई के इंफ्लेशन टारगेट से ऊपर रही. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अचानक रेपो रेट को 0.40 फीसदी और कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को 0.50 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था.
(इनपुट-पीटीआई)