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Covid से हुई मौतो में सिर्फ 14% ने लिया था लाइफ कवर, बीमा कंपनियां भी पॉलिसी बेचने में बरत रही हैं सावधानी

देश में इंश्योरेंस कवरेज की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कोरोना के चलते हुई मौतों में 15 फीसदी से कम मामलों में क्लेम का दावा किया गया.

देश में इंश्योरेंस कवरेज की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कोरोना के चलते हुई मौतों में 15 फीसदी से कम मामलों में क्लेम का दावा किया गया.

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FE Online
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Claims throw light on insurance statuS Only 14 PERCENT of Covid deaths had cover

कोरोना केसेज और इसके चलते होने वाली मौतों में बढ़ोतरी के चलते बीमा कंपनियां अब सावधान बरत रही हैं और उनमें से कुछ वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी मांगने लगी हैं और मेडिकल जांच को भी सख्त किया गया है.

Covid Insurance Claim: देश में इंश्योरेंस कवरेज की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कोरोना के चलते हुई मौतों में 15 फीसदी से कम मामलों में क्लेम का दावा किया गया. कोरोना महामारी के चलते देश भर में 3.91 लाख लोगों को मौत हो चुकी है. हालांकि अब तक इसमें से महज 14 फीसदी यानी कि 55,276 मौतों पर इंश्योरेंस क्लेम मिला है. इससे देश में लाईफ इंश्योरेंस कवरेज की बुरी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के सदस्य (गैर-बीमा) एल अलामेलू के मुताबिक इन 55,276 क्लेम्स में करीब 88 फीसदी यानी 3593 करोड़ रुपये के 44,484 क्लेम सेटल किए जा चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ बीमा कंपनियों ने 22 जून तक करीब 80 फीसदी यानी 15.39 लाख से अधिक हेल्थ क्लेम का निपटारा किया जो 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के दावे रहे. अलामेलू के मुताबिक मेडिकल इंश्योरेंस या हॉस्पिटलाइजेशन की बात करें तो 22 जून तक 19.11 लाख से अधिक के कोविड हेल्थ क्लेम किए गए.

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बीमा कंपनियों के लिए बेहतर अवसर

एसोचैम के एक इवेंट को संबोधित करते हुए अलामेलू ने कहा कि इन आंकड़ों से बीमा कंपनियों के लिए अवसर दिख रहे हैं. हालांकि फिलहाल इस समस्या से भी कंपनियां जूझ रही हैं कि अधिकतर लोगों ने अपनी बचत का बड़ा हिस्सा खर्च कर दिया है. यहां तक कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की भी बचत का बड़ा हिस्सा खर्च हो गया है और कई लोगों पर कर्ज हो गया है. इन्होंने अपनी संपत्तियां बेची हैं और गहने तक गिरवी रखकर पैसों का प्रबंध किया.

इंश्योरेंस इंडस्ट्री और नियामक ने मिलकर कोरोना महामारी की उपजी स्थिति के बीच लोगों की जरूरतों के मुताबिक नई पॉलिसी को डिजाइन किया और प्रक्रिया को भी आसान किया गया. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में जीवन व गैर-जीवन को लेकर इंश्योरेंस इंडस्ट्री 9 फीसदी की दर से बढ़ी और चालू वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल-मई के दौरान इसमें 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

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कोरोना के चलते सावधानी बरत रहीं कंपनियां

  • कोरोना केसेज और इसके चलते होने वाली मौतों में बढ़ोतरी के चलते बीमा कंपनियां अब सावधान बरत रही हैं और उनमें से कुछ वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी मांगने लगी हैं और मेडिकल जांच को भी सख्त किया गया है.
  • पॉलिसीबाजारडॉटकॉम के प्रमुख (टर्म इंश्योरेंस) सज्जा प्रवीण चौधरी का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद स्वास्थ्य की क्या स्थिति रहने वाली है, इसे लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है तो कंपनियां ऐसे लोगों को पॉलिसी बेचने में सावधानी बरत रही हैं. कोरोना से ठीक हुए लोगों को टर्म लाईफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने में समय लग सकता है क्योंकि कंपनियां उन्हें इस पॉलिसी को बेचने में सावधानी बरत रही है जिन्हें या जिनके परिवार में पिछले छह महीने में कोई कोरोना मरीज रहा हो.
  • एडेलवेइस टोकियो लाईफ इंश्योरेंस के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर सुभ्रजीत मुखोपाध्याय के मुताबिक कोरोना के चलते बीमा कंपनियां सावधानी बरत रही हैं लेकिन लोग घर से बाहर निकलकर मेडिकल टेस्ट नहीं करवाना चाह रहे हैं. ऐसे में बीमा कंपनियों को नए मेडिकल रिपोर्ट्स की अनुपस्थिति में बिना रिस्क का आकलन किए पॉलिसी बेचने में दिक्कतें आ रही हैं.

    (सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस)