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इस साल रणनीति बनाते समय लांग टर्म निवेशकों को एक्टिव मैनेजमेंट और मल्टी एसेट/एसेट एलोकेशन की रणनीति अपनानी चाहिए. (Image- Reuters)
Investment Tips: पिछले दशक में नकदी की आसान उपलब्धता और दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में कटौती के चलते इक्विटी मार्केट का प्रदर्शन शानदार रहा. पिछले एक साल की बात करें तो कोरोना महामारी के झटकों से उबरने के लिए इकोनॉमी में पर्याप्त नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई. हालांकि अब पर्याप्त मात्रा में नकदी के कारण बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों और सरकारों ने धीरे धीरे बाजार से अतिरिक्त नकदी वापस लेने के संकेत दिए हैं. इसका असर भारत समेत दुनिया भर के बाजारों पर पड़ सकता है. ऐसे में इस साल रणनीति बनाते समय लांग टर्म निवेशकों को एक्टिव मैनेजमेंट और मल्टी एसेट/एसेट एलोकेशन की रणनीति अपनानी चाहिए.
रणनीति बनाते समय इन बातों का रखें ख्याल
मौजूदा परिस्थितियों वैल्यूएशन, साइकिल, ट्रिगर्स और सेंटीमेंट के आधार पर भारतीय बाजार मजबूत दिख रहा है.
- वैल्यूएशन: लंबे समय के औसत के मुकाबले विभिन्न एसेट क्लास का वैल्यूएशन बेहतर स्थिति में है. अभी तक का रूझान ये रहा है कि जब कोई एसेट क्लास फुल्ली वैल्यूएड हो तो वह वोलेटाइल होने लगता है. इक्विटी वैल्यूएशन इंडेक्स से पता चलता है कि वैल्यूएशन सस्ता नहीं है और इसके हिसाब से निवेशकों को लांग टर्म के हिसाब से निवेश किया जाना चाहिए और एसेट एलोकेशन पर सख्ती से जमे रहना चाहिए.
- साइकिल: कंपनियों ने अपना कर्ज घटाया है, सरकार का राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है और वित्तीय क्षेत्र के नॉन-परफॉर्मिंग कर्ज का साइकिल भी नियंत्रण में है. सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और अन्य सेक्टर पर खर्च बढ़ा रही है. चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में कॉरपोरेट की कमाई बढ़ी है.
- ट्रिगर्स: अमेरिकी फेड दरों में बढ़ोतरी, अमेरिका के 10 साल के ट्रेजरी यील्ड्स और कोरोना के नए वैरिएंट के खतरों पर नजर रखने की जरूरत है.
- सेंटीमेंट्स: पिछले छह महीने से निवेशक आईपीओ में निवेश की रणनीति अपना रहे हैं और महंगे इश्यू में भी पैसे लगा रहे हैं जो सेंटिमेंट के हिसाब से खराब संकेत है.
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मीडियम टर्म में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत
- लांग टर्म में इक्विटी मार्केट बेहतर परफॉर्म कर सकता है लेकिन मीडियम टर्म में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है.
- वैश्विक व घरेलू बाजारों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सक्रिय रूप से इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट और मल्टी एसेट स्ट्रेटजी अपनाकर शॉर्ट टर्म में बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
- अगर आपके पोर्टफोलियो में अधिक रिस्क वाले एसेट्स हैं तो इनका वेटेज कम करने का यह बेहतर समय है.
- सिर्फ एक एसेट क्लास पर फोकस करने की बजाय कई एसेट क्लास में निवेश की रणनीति अपनानी चाहिए. अगर आप सिर्फ इक्विटी में निवेश की सोच रहे हैं तो जिसमें कई कंपनियों व सेक्टर्स में निवेश की फ्लेक्सिबिलिटी हो.
- सेक्टरवाइज बात करें तो ऑटो, बैंक, टेलीकॉम और डिफेंस स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं. वहीं कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स में निवेश को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि महामारी के बाद भी यह सेक्टर खपत को लेकर जूझ रहा है.
(आर्टिकल: एस नरेन, ईडी और सीआईओ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी)