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बजट में नए टैक्स सिस्टम से खासतौर से बीमा कंपनियों की प्रीमियम के जरिए कमाई पर असर हो सकता है.
बजट में नए टैक्स सिस्टम से खासतौर से बीमा कंपनियों की प्रीमियम के जरिए कमाई पर असर हो सकता है.New Tax System Impact On Insurance Sector: बजट में सरकार ने नए टैक्स सिस्टम का एलान किया है. नए टैक्स सिस्टम के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी में संशोधन के जरिये टैक्स पेयर्स को मिलने सभी बड़ी छूट को हटाने का प्रस्ताव किया है. एक्सपर्ट का मानना है कि इससे खासतौर से बीमा कंपनियों की प्रीमियम के जरिए कमाई पर असर हो सकता है. बता दें कि टैक्स छूट के दायरे में आना लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की बिक्री के लिए बड़ा फैक्टर है. लेकिन नए प्रावधानों के चलते निवेशकों का इंटरेस्ट इसमें कम हो सकता है. बता दें कि इसी के चलते बजट वाले दिन इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में 10 से 14 फीसदी तक की गिरावट देखी गई थी. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रू, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी लाइफ सभी शेयरों में गिरावट आई.
इंश्योरेंस कंपनियों के बिजनेस पर असर
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक देश की इंश्योरेंस इंडस्ट्री मुख्य तौर से सेविंग्स ओरिएंटेड है, प्रोटेक्शन बिजनेस में इसकी ग्रोथ मजबूत है. हालांकि न्यू बिजनेस में इसकी हिस्सेदारी लो है. नए टैक्स सिस्टम में यूलिप जैसे इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट पर टैक्स बेनिफिट न होने से पॉलिसीहोल्डर ऐसी स्कीमों से बाहर निकल सकते हैं.
सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली छूट से इंश्योरेंस कंपनियों को काफी बिजनेस मिलता है. इन छूट को वापस लेने से इन स्कीमों में निवेश कम हो सकता है. जिससे कंपनियों की कमाई पर असर होगा. रिपोर्ट के अनुसार अगर कोई इनडिविजुअल यह एग्जेम्शन नहीं छोड़ता है तो उसकी टैक्स देनदारी ज्यादा हो सकती है. ऐसे में कोई भी ऐसा नहीं चाहेगा कि उसे ज्यादा टैक्स देना पड़े.
ETR ज्यादा
ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) के हटाए जाने और निवेशकों के हाथ में डिविडेंड टैक्सेबल किए जाने से लाइफ इंश्योंरेंस कंपनियों का इफेक्टिव टैक्स रेट यानी ETR ज्यादा हो जाएगा.
लंबी अवधि में दूर हो सकता है दबाव
फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की पॉपुलैरिटी प्रोटेक्शन के अलावा इस वजह से भी रही है, क्योंकि इसमें टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इसी वजह से वित्त मंत्री द्वारा टैक्सपेयर्स को मिलने वाले सभी बड़े एग्जेम्प्शन हटाने ने इन प्रोडक्ट्स में निवेश करने वाले निराश हो सकते हैं. हालांकि इसका असर शुरू में ही होगा. क्योंकि लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस प्रोडक्ट वैसे भी भविष्य की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं. ऐसे में लंबी अवधि के लिहाज से देखें तो बीमा कंपनियों के लिए ज्यादा चिंता नहीं होनी चाहिए.
शेयर में निवेश को लेकर क्या करें
एक्सपर्ट का कहना है कि नए टैक्स सिस्टम से इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों पर दबाव रहेगा. लेकिन लंबी अवधि के नजरिए से देखें तो ज्यादा चिंता नहीं दिख रही है क्योंकि भविष्य की सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस जरूरी है. ऐसे में निवेशक इंश्योरेंस प्रोडक्ट में निवेश जारी रखेंगे. एक्सपर्ट का कहना है कि बेहतर तरीका यह है कि इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में गिरावट पर खरीददारी करनी चाहिए. ब्रोकरेज ने आईसीआईसीआई प्रू लाइफ में निवेश की सलाह दी है. वहीं, HDFC लइफ पर न्यूट्रल रेटिंग दी है.
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