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पूनावाला फिनकॉर्प के एमडी अभय भूटाडा ने गुरुवार को कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया.
Magma Fincorp Insider Trading Case: पूनावाला फिनकॉर्प (Poonawala Fincorp) के एमडी अभय भूटाडा ने गुरुवार 16 सितंबर को बोर्ड से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने यह इस्तीफा बाजार नियामक सेबी द्वारा इनसाइडर ट्रे़डिंग मामले में दोषी पाए जाने पर सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित किए जाने के एक दिन बाद दिया. पूनावाला फिनकॉर्प द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भूटाडा ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया जो 16 सितंबर से प्रभावी हो गया. अब कंपनी के सीईओ विजय देशवाल ऑपरेशंस चलाएंगे. कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि कंपनी और इसके स्टेकहोल्डर्स के हितों को देखते हुए इस्तीफे का फैसला किया.
इस कंपनी के शेयर फरवरी में 60.02 रुपये के भाव पर थे जो मई में बढ़कर 147 रुपये पर पहुंच गए और फिर 16 अगस्त को 190 रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गए. हालांकि सेबी की मौजूदा कार्रवाई के बाद इसके शेयरों में बिकवाली शुरू हुई और गुरुवार को यह 4.98 फीसदी की गिरावट के साथ 171.90 रुपये के भाव पर बंद हुए.
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भूटाडा समेत आठ एंटिटीज पर हुई कार्रवाई
सेबी ने बुधवार को भूटाडा और सात अन्य एंटिटीज को पूनावाला फिनकॉर्प के शेयरों की इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया. पहले इस कंपनी का नाम मैग्मा फिनकॉर्प था. सेबी ने भूटाडा के अलावा सौमिल शाह, सुरभि किशोर शाह, अमित अग्रवाल, मुरलीधर बगरंगलाल अग्रवाल, राकेश राजेंद्र भोजगधिया, राकेश राजेंद्र भोजगधिया एचयूएफ और अभिजीत पवार पर प्रतिबंध लगाया है.
अदार पूनावाला की राइजिंग की सन होल्डिंग्स ने एनबीएफसी मैग्मा फिनकॉर्प में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीद ली और फिर इसमें 2456 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसका ऐलान फरवरी 2021 में किया गया. राइजिंह सन होल्डिंग्स की 60 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मैग्मा फिनकॉर्प मई में पूनावाला ग्रुप की एक इकाई हो गई. इसके बाद मैग्मा को पूनावारा फिनकॉर्प के तौर पर री-ब्रांड किया गया. मई में पूनावाला ने मैग्मा फिनकॉर्प के चेयरमैन का पद संभाला.
ये है पूरा मामला
- सेबी के मुताबिक उसके सिस्टम ने फरवरी 2021 में मैग्मा फिनकॉर्प के शेयरों को लेकर इनसाइडर ट्रेडिंग का एलर्ट दिया. उसी समय पूनावाला समूह की एक कंपनी राइजिंग सन होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मैग्मा कॉर्प में नियंत्रक हिस्सेदारी के अधिग्रहण का ऐलान किया गया था. एलर्ट मिलने के बाद सेबी ने प्रारंभिक जांच शुरू की.
- सेबी ने अपनी जांच में पाया कि पूनावाला फाइनेंस के एमडी और सीईओ भूटाडा अधिग्रहण सौदे के मुताबिक टारगेट कंपनी के एमडी बनते. उनके पास अधिग्रहण से जुड़ी नॉन-पब्लिक प्राइस सेंसेटिव इंफॉर्मेशन थी.
- सेबी ने पाया कि इनसाइडर भूटाडा सुमैल शाह, राकेश राजेंद्र भोजगधिया और अभिजीत पवार से जुड़ा हुआ था.
कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (सीडीआर) और बैंक स्टेटमेंट्स के आधार पर नियामक ने पाया कि भोजगधिया का संपर्क अमित अग्रवाल से था. इसके अलावा सुमैल शाह का सुरभि किशोर शाह के साथ पारिवारिक व वित्तीय संबंध थे और अमित अग्रवाल के मुरलीधर बगरंगलाल अग्रवाल के साथ पारिवारिक व वित्तीय संबंध थे.
- सेबी ने पाया कि इन सभी लोगों की आपस में रिलीवेंट पीरियड में आपस में फोन पर बातचीत हुई और इसके बाद फंड का ट्रांसफर हुआ.
- सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कॉरपोरेट ऐलान होने के पहले इन फोन कॉल्स के जरिए शेयरों की ट्रेडिंग हुई.
सेबी के आदेश के मुताबिक आठ इंडिविजुअल्स को सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री या किसी भी सौदे से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
- सेबी ने भूटाडा भोजगाधियान, राकेश राजेंद्र भोजगधिया एचयूएफ व अभिजीत पवार पर संयुक्त रूप से 8.3 करोड़, अमित अग्रवाल, मुरलीधर बगरंग अग्रवाल व भोजगधिया पर संयुक्त रूप से 3.5 करोड़ रुपये और सुमैल शाह व सुरभि किशोर शाह पर संयुक्त रूप से 1.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इस राशि को एस्क्रो खाता खोलकर आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर जमा करना होगा.