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Provident Fund 2021: स्पेशल डिपॉजिट स्कीम पर दरें निर्धारित, नॉन-गवर्नमेंट पीएफ और ग्रेच्यूटी फंड्स पर कितना मिलेगा ब्याज

Provident Fund 2021: स्पेशल डिपॉजिट स्कीम को 1975 में लांच किया गया था.

Provident Fund 2021: स्पेशल डिपॉजिट स्कीम को 1975 में लांच किया गया था.

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Provident Fund 2021 Special Deposit Scheme interest rate for Non-Government PF Gratuity Funds notified and remained unchanged

केंद्र सरकार ने स्पेशल डिपॉजिट स्कीम जैसे कि नॉन-गवर्नमेंट प्रोविडेंट सुपरएन्यूशन और ग्रेच्यूटी फंड्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

केंद्र सरकार ने स्पेशल डिपॉजिट स्कीम जैसे कि नॉन-गवर्नमेंट प्रोविडेंट सुपरएन्यूशन और ग्रेच्यूटी फंड्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक इन फंड्स पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. यह फैसला इस साल 1 जनवरी 2021 से लागू होगा और ये ब्याज दरें 31 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेंगी.

इससे जुड़ा नोटिफिकेशन मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने 6 जनवरी 2021 को जारी किया. इससे पहले जुलाई 2020 में जारी नोटिफिकेशन में इन फंड्स की ब्याज दरें 7.1 फीसदी निर्धारित की गई थी.

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जीपीएफ पर भी मिलेगा 7.1 फीसदी का ब्याज

केंद्र सरकार ने जनवरी से मार्च की तिमाही के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की ब्याज दरें भी 7.1 फीसदी निर्धारित की है. ये दरें 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होंगी. ऑफिसियल नोटिफिकेशन के मुताबिक जनरल प्रोविडेंट फंड और अन्य समान फंड के सब्सक्राइबर्स के खाते की जमाओं पर 7.1 फीसदी का ब्याज क्रेडिट किया जाएगा. यह ब्याज दर 1 जनवरी 2021 से 31 मार्च 2021 की अवधि के लिए निर्धारित की गई है.

केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक यह ब्याज जनरल प्रोविडेंट फंड (केंद्रीय सेवाएं), कांट्रिब्यूटरी प्रोविडेंट फंड (इंडिया), ऑल इंडिया सर्विसेज प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, जनरल प्रोविडेंट फंड (डिफेंस सर्विसेज), इंडियन ऑर्डेनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डेनेंस फैक्ट्रीज वर्कमैन्स प्रोविडेंट फंड, इंडियन नैवल डॉकयार्ड वर्कमैन्स प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड और आर्म्ड फोर्सेज पर्सनल प्रोविडेंट फंड के लिए लागू होगा.

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स्कीम को 1975 में किया था लांच

स्पेशल डिपॉजिट स्कीम (SDS) को 1 जुलाई 1975 को लांच किया गया था ताकि नॉन-गवर्नमेंट प्रोविडेंट फंड्स, ग्रेच्यूटी और सुपरएन्यूशन फंड्स पर बेहतर रिटर्न मिल सके. शुरुआत में इसे सिर्फ 10 साल के लिए ही लाया गया था लेकिन इसे फिर बढ़ाकर 1998 तक कर दिया गया. एसडीएस में निवेश किए गए पैसे पर केंद्र सरकार ब्याज देती है. इसके अलावा इसे सरकारी प्रतिभूतियों और म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है. जब इसे लांच किया गया था, तो इस पर 10 फीसदी का ब्याज ऑफर किया गया था. 1 अप्रैल 1986 के बाद इस पर करीब 15 वर्षों तक 12 फीसदी का ब्याज मिला. 2018 की जनवरी से मार्च तिमाही में एसडीएस पर 7.6 फीसदी का ब्याज निर्धारित किया गया. इसे सरकारी बैंकों और आरबीआई के जरिए ऑपरेट किया जाता है.